आजमगढ़

फिर तो प्रशासन के मंसूबे पर फिरेगा पानी, नहीं गिरेगा माफिया कुंटू का भवन, यह है खास वजह

कुंटू सिंह व उसकी पत्नी वंदना के नाम के दो मकानों को ध्वस्त करने की जारी हुई थी नोटिस
मकान के अन्य हिस्सेदारों ने उठाई आपत्ति, कहा उनके हिस्से को कैसे ढहवा सकता है प्रशासन
नये सिरे से शुरू हुई जांच, ईओ बोले आपत्तियों के निस्तारण के बाद होगा फैसला

आजमगढ़Nov 30, 2020 / 08:21 am

रफतउद्दीन फरीद

पेशी से बाहर निकलता कुंटू सिंह

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. यूपी के टाप-10 अपराधियों में शामिल ध्रुव कुमार सिंह कुंटू पर लगातार शिकंजा कस रहे प्रशासन को झटका लगा है। अब तक कुंटू की करीब 10 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर चुके प्रशासन के लिए कुंटू का अवैध रूप से बना मकान गिरवाना अब आसान नहीं रहा। कारण कि जिन दो मकानों को ध्वस्त करने की नोटिस चस्पा की गयी थी उसके अन्य हिस्सेदारों ने इस पर आपत्ति दर्ज करा दी है। नगर पंचायत प्रशासन अब नए सिरे से जांच पड़ताल शुरू की है।

बता दें कि माफिया ध्रुव कुमार सिंह कुंटू ने जीयनपुर कस्बे में दो माकान के अगले हिस्से को खरीदा है। इसमें एक मकान कुंटू सिंह और दूसरा उसकी पत्नी वंदना सिंह के नाम पर है। जिलाधिकारी ने दोनों संपत्तियों की जांच करायी तो इसका नक्शा पास नहीं पाया गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर पांच नवंबर को अधिशासी अधिकारी जीयनपुर नगर पंचायत अखिलेश कुमार यादव ने दोनों मकानों पर ध्वस्तीकरण की नोटिस चस्पा कर दिया। नोटिस में 15 दिनों के अंदर उक्त अवैध निर्माण को स्वयं गिराने का निर्देश दिया गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर मकान स्वयं नहीं गिरवाया गया तो नगर पंचायत प्रशासन स्वयं इसे गिरवाएगा। इस पर आने वाला खर्च भवन स्वामी से वसूला जाएगा।

नगर पंचायत द्वारा जारी नोटिस का समय बीत चुका है लेकिन मकान ज्यों के त्यों है। कारण कि नगर पंचायत की नोटिस पर उक्त मकानों के अन्य हिस्सेदारों की तरफ से आपत्ति दाखिल हो गई है। जिसके चलते कुंटू सिंह व उनकी पत्नी के नाम के दोनों भवनों के ध्वस्तीकरण में पेंच फंस गया है।

बता दें कि दोनों मकान सगड़ी निवासी स्व. अयूब के थे। अयूब के बाद इस पर उनके चार पुत्रों वसीम, नसीम, कलीम व अलीम का नाम चढ़ा। जिसमें वर्तमान में सिर्फ अलीम ही जीवित है। कुंटू सिंह ने उक्त भवन के अगले हिस्से को वसीम के पुत्रो फहीम, नदीम, तस्लीम, तनवीर व पत्नी किश्वरी से बैनामा लिया और पूरे मकान पर काबिज हो गया।

अन्य हिस्सेदारों का कहना है कि उक्त मकान पर उनका भी हक है इसलिए उसे ध्वस्त नहीं कराया जा सकता है। आपत्ति मिलने के बाद नगर पंचायत प्रशासन अब मामले की नए सिरे से जांच में जुटा है। ईआ अखिलेश कुमार यादव का कहना है कि आपत्ति का निस्तारण किया जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

BY Ran vijay singh

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.