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बीजेपी ने बसपा को दिया बड़ा झटका, इन नेताओं को पार्टी में किया शामिल

locationआजमगढ़Published: Apr 15, 2018 12:54:58 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

सपा बसपा के गठबंधन से नाराज दिख रहे है दलित, 2019 में बीजेपी को मिल सकता है फायदा

BJP Join

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आजमगढ़. लगातार दो चुनाव में हार के बाद यूपी में हासिए पर पहुंच चुकी सपा और बसपा ने गठबंधन के जरिये बीजेपी को मात देने का प्लान तैयार जरूर किया है लेकिन इनका यह उल्टा भी पड़ सकता है। एक दूसरे के घुर विरोधी माने जाने वाले यादव और दलित इस गठबंधन को पचा नहीं पा रहे है। खासतौर पर दलित गेस्टहाउस कांड आज तक नहीं भूला है और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के फैसले को पचा नहीं पा रहा है। वहीं बीजेपी दलितों पर डोरे डालने के लिए हर हथकंडे अपना रही है। इसका फायदा उसे मिलता दिख रहा है। शनिवार को डा. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर बसपा के करीब 150 नेता और कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो गए। इसे मायावती के लिए बड़े खतरे का संकेत माना जा रहा है।

बता दें कि सपा और बसपा को लोकसभा चुनाव 2014 में करारी हार का सामना करना पड़ा था। सपा बड़ी मुश्किल से पांच सीट जीत सकी थी। वहीं बसपा का यूपी में खाता ही नहीं खुला था। विधानसभा चुनाव 2017 में दोनों दल खास प्रदर्शन नहीं कर सके। वहीं बीजेपी ने 325 सीट जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया। अब सभी दल वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हुए है। बीजेपी को घेरने के लिए पूरा विपक्ष गठबंधन की तैयारी में जुटा है।
हाल में फूलपुर और गोरखपुर संसदीय सीट पर हुए उप चुनाव में धुर विरोधी सपा और बसपा ने हाथ मिलाया तो इसका फायदा मिला, बीजेपी ने दोनों सीट गंवा दी। अब दोनों ही दल इस गठबंधन को लोकसभा चुनाव में आजमाने के लिए तैयार है। इसे इनकी सियासी मजबूरी भी मानी जा रही है। लेकिन बसपा का बेस वोट दलित कहीं न कहीं इस गठबंधन से असहज महसूस कर रहा है। कारण कि इन दोनों दलों को एक दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है और ग्रामीण क्षेत्रों में यादव और दलितों में हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा है। यादव चुंकि राजनीतिक रूप से काफी जागरूक हो गये है इसलिए वे इस गठबंधन को फायदे के रूप में देख रहे है लेकिन दलित इसे नहीं पचा पा रहा है।

वहीं बीजेपी ने अंबेडकर जयंती पर गांव गांव समारोह मनाने तथा सरकारी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर दलितों तक पहुंचाने का जो प्लान बनाया है उससे दलित बीजेपी की तरफ आकर्षित हो रहे है। खासतौर पर जो मायावती के फैसले से नाराज है वे बीजेपी का रूख करते दिख रहे है। इसकी बानगी शनिवार को पल्हना में आयोजित डा. अंबेडकर की जयंती समारोह में देखने को मिला। जहां भाजपा सांसद की मौजूदगी में महानंद गोंड के नेतृत्व में गोंड समाज के करीब 50 लोग और पुनवासी के नेतृत्व में महेश राम, अरविंद राम, दिनेश राम, बिमला देवी, लाजवंती आदि करीब 150 दलित भाजपा में शामिल हो गये। भाजपा के लोग इसे अपने लिए शुभ संकेत मान रहे है। लेकिन बसपा की परेशानी बढ़ती दिख रही है।
By- Ranvijay Singh

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