भाजपा के दाव से बेचैन हुई सपा-बसपा, कांग्रेस की भी बढ़ेगी मुश्किल
दर्जनों की संख्यां में मुस्लिम महिलाओं ने थामा भाजपा का हाथ
अल्पसंख्यकों को साध आजमगढ़ में हार का सिलसिला तोड़ना चाहती है पार्टी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. राम लहर व मोदी लहर में भी आजमगढ़ में हार का मिथक न तोड़ सकी भारतीय जनता पार्टी ने 2022 में सपा-बसपा का किला ध्वस्त करने के लिए बड़ा प्लान बनाया है। जो मुस्लिम मतदाता अब तक उस पार्टी के साथ खड़े होते थे जो बीजेपी को हराता दिखता था अब बीजेपी उन्हीं के दम पर सपा और बसपा को मात देने की कोशिश करेगी। पार्टी ने अधिक से अधिक अल्पसंख्यकों को संगठन से जोड़नेे का फैसला किया है। इसकी शुरूआत भी हो चुकी है। सोमवार को निजामाबाद विधानसभा में दर्जनों मुस्लिम पुरूष एवं महिलाओं ने भाजपा का दामना था। इससे सपा-बसपा और कांग्रेस का टेंशन बढ़ना स्वाभाविक है। कारण कि सपा-बसपा पिछले दो दशक से इन्हीं मतदाताओं के दम पर सत्ता की सीढ़ी चढ़ती रही हैं।
बता दें कि आजमगढ़ जिले में दो लोकसभा और दस विधानसभा सीटें है। इस जिले में बीजेपी का प्रदर्शन कभी अच्छा नहीं रहा। यहां का मुस्लिम मतदाता हमेंशा से उसी दल को वोट देता रहा है जो उन्हें बीजेपी को सीधी टक्कर देता नजर आता है। पिछलेे तीन दशक से इसका फायदा सपा और बसपा को मिलता रहा है। आज भी बीजेपी यहां जीत के लिए तरसती रही है।
वर्ष 1991 की राम लहर में जब बीजेपी ने यूपी में पहली बार पूर्ण बहुमत हसिल किया था उस समय भी आजमगढ़ में उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं था। पार्टी को सिर्फ दो सीट मेंहनगर व सरायमीर पर जीत मिली थी। इसके बाद बीजेपी को लालगंज सीट पर वर्ष 1996 के चुनाव में जीत मिली। रहा सवाल लोकसभा का तो 2009 में पहली बार आजमगढ़ संसदीय सीट पर पार्टी का खाता खुला। वहीं मोदी लहर में पहली बार 2014 में बीजेपी लालगंज सीट जीतने में सफल रही थी। वर्ष 2019 में उसे दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी को पूरे यूपी में भारी समर्थन मिला और पार्टी ने 325 सीट जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया उस समय भी आजमगढ़ में उसे सिर्फ एक सीट फूलपुर पवई पर जीत मिली। बाकी नौ सीटों में पांच सपा और चार बसपा के पास है। पिछले की पार्टी के प्रति लामबंदी के कारण आजादी के बाद पहली बार पार्टी 4 सीटों पर दूसरे नंबर पर जरूर रही। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने हारी हुई 82 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्रत्येक सीट पर एक प्रभारी नियुक्त किया गया है। आजमगढ़ में ऐसी नौ सीटें हैं जिन्हें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बीजेपी को भरोसा है कि पिछड़े उसके साथ है। अगर वह कुछ प्रतिशत अल्पसंख्यकों को अपने पाले में कर लेती है तो वह आजमगढ़ में हार के सिलसिले को तोड़ सकती है। इसलिए खास योजना के तहत अल्पसंख्यकों को पार्टी से जोड़ा जा रहा है। सोमवार को निजामाबाद विधानसभा के बिजहर मैनुद्दीनपुर गांव में महिला मोर्चा अध्यक्ष डॉ संचिता बनर्जी के नेतृत्व में अभियान चलाया गया। इस दौरान इस्मत फातिमा, एरम फातिमा, सानिया फातिमा, नसरा फातिमा, नजफ अब्बास, अल्ताफ हुसैन, इमरान, समम फातिमा, ऊरूज फातिमा, मोहसीना, मिराज, नाजुक, बुशरा, अल्विया, मुबाशिर आजमी, कल बेहसम, विनोद सिंह, अफजाल हुसैन, इरफान हुसैन, अजधार, मुन्ने राजा, रजा अब्बास, फैयाज अहमद, मोहम्मद मेहंदी आदि को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलायी गयी।
भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष डॉ संचिता बनर्जी ने बताया कि हमारा लक्ष्य सर्व समाज की माहिलाआंें को पार्टी से जोड़ना है। अल्पसंख्यको का विश्वास तेजी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के प्रति बढ़ा है। सरकार की नीतियों पर भरोसा जताते हुए बड़ी संख्या में लोग बीजेपी में शामिल हुई हैं। आगे भी यह अभियान जारी रहेगा।
BY Ran vijay singh
अब पाइए अपने शहर ( Azamgarh News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज