अतरौलिया कस्बा निवासी अजय गुप्ता 50 पुत्र विंदेश्वरी प्रसाद किराना के बड़े व्यवसायी थे। कस्बे में उनकी बहुमंजिला इमारत है जिसमें परिवार तो रहता ही था साथ ही उसी बिल्डिंग में वह किराना का थोक व्यवसाय भी करता था। घर में स्थित गोदाम में लाखों का माल भरा हुआ था। सोमवार की पूर्वांह्न करीब 9.30 बजे शार्ट सर्किट से भवन में आग लग गयी। आग लगने के बाद परिवार के सारे लोग बाहर निकल गए। इसी दौरान अजय को याद आया कि उसने दूसरे तल पर रूपया रखा है और रूपया बचाने के लिए वह घर में घुस गया। तभी आग की लपटे उस कमरें के दरवाजे तक पहुंच गयी जिस कमरें में वह गया था।
अजय खिड़की से चीख चीख कर लोगों से मदद मांगता रहा लेकिन आग की लपटों को देख कोई उसे बचाने की हिम्मत नहीं कर सका। करीब एक घंटे बाद थानाध्यक्ष घटना स्थल पहुंचे। जबकि छह किमी दूर बूढ़नपुर से फायर बिग्रेड पहुंचने में डेढ़ घंटे लग गये। यहीं नहीं फायर बिग्रेड के जो दो वाहन मौके पर पहुंचे उसमें एक में पानी नहीं था जबकि दूसरे में काफी कम पानी था। मजबूरी में दो वाहन जिला मुख्यालय से बुलाए गए। तब तक आग ने सबकुछ खत्म कर दिया था।
चीखता चिल्लता व्यवसायी मौत का ग्रास बन गया तो घर में रखा लाखों का सामान जलकर खाक हो गया। जेसीबी से बिल्डंग का पिछला हिस्सा तोड़कर आग पर काबू पाया गया तो खिड़की तोड़कर व्यवसायी का शव निकाला गया। स्थानीय लोगों में प्रशासन के प्रति काफी गुस्सा है। लोगों का कहना है कि अगर समय में फायर और पुलिस की टीम पहुंची होती तो न केवल क्षति को रोका जा सकता था बल्कि व्यवसायी की जान भी बच सकती थी।
by Ran Vijay Singh
by Ran Vijay Singh