बता दें कि बसपा में नामाकंन के पहले तक किसी का टिकट पक्का नहीं माना जाता है। इस बार भी ऐसा हुआ। मायातवी ने लालगंज संसदीय सीट पर एक साल पहले ही पूर्व मंत्री घूरा राम को मैदान में उतार दिया था। गठबंधन के बाद यह सीट बसपा के खाते में चली गयी। माना जा रहा था कि अब उनका चुनाव लड़ना तय है। करीब छह महीने से वे क्षेत्र में चुनाव में भी जुटे हुए थे लेकिन कांग्रेस और शिवपाल द्वारा टिकट की घोषणा के बाद मायातवी ने घूरा राम का टिकट काट दिया।
टिकट क्यों काटा गया यह बताने के लिए कोई बसपाई तैयार नहीं है। खुद घूरा राम कहते हैं कि उन्हें टिकट कटने की जानकारी नहीं है। जोनल कोआर्डीनेटर विजय कुमार ने स्वीकार किया है कि टिकट काट दिया गया है लेकिन कटने की वजह उन्होंने भी नहीं बताई है। विजय ने यह दावा जरूर किया है कि अगले एक दो दिन में नए प्रत्याशी की घोषणा कर दी जाएगी। इसके बाद बसपा के दावेदार भी सक्रिय हो गये है।
लालगंज से तीन बार सांसद रहे डा. बलिराम, पूर्व मंत्री हीरालाल गौतम और लालगंज विधायक अरिमर्दन आजाद को टिकट का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों की माने तो इन्ही में से किसी एक को प्रत्याशी बनाया जायेगा।
By Ran Vijay Singh