बता दें कि, गाजीपुर जनपद के युसूफपुर मोहम्मदाबाद थाना अंतर्गत सहनिन्ना गांव के मूल निवासी तथा वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र अंतर्गत सुंदरपुर वार्ड में रहने वाले बेचन सिंह यादव की 24 वर्षीय पुत्री आकांक्षा चक्रपानपुर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस अंतिम वर्ष की छात्रा थी। 2014 बैच की सेकंड टापर रही आकांक्षा मृदुभाषी होने के साथ ही मेधावी छात्रा के रूप में जानी जाती थी। नौ जून को वह घर गई थी। अभी 17 जून को वह मेडिकल कालेज लौटी थी।
सोमवार की शाम वह मेडिकल कॉलेज में क्लास करने के बाद परिसर में स्थित गर्ल्स हास्टल में आवंटित अपने कमरे में चली आई। शाम को जब वह कमरे से बाहर नहीं दिखी तो सहपाठी छात्राओं ने उसके कमरे पर जाकर आवाज दी। जवाब न मिलने पर छात्राओं ने जब कमरे की खिड़की से अंदर देखा तो पंखे के हुक में दुपट्टे के सहारे लटक रही आकांक्षा की लाश देख सभी के मुंह से चीख निकल गई। इसकी जानकारी हास्टल के वार्डन को दी गई। पुलिस ने रात में ही शव को पोस्टमार्ट के लिए भेज दिया था। मंगलवार को दोपहर बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया।
पुलिस ने मृतक छात्रा के कमरे से सुसाइड नोट भी बरामद किया, जिसमें उसने आत्महत्या का कारण अपनी ही अपेक्षाओं पर खरा न उतरपाना बताया था। सहपाठियों की माने तो छात्रा टाप करना चाहती थी लेकिन कुछ ही अंक से वह दूसरे स्थान पर रह गयी थी जिसका उसे मलाल था, लेकिन वह ऐसा कदम उठा लेगी इसका यकीन किसी को नहीं था। इस घटना से मृतका के पिता बेचन सिंह यादव व माता अनीता देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।
मृतका के पिता बेचन सिंह यादव मिर्जापुर जिले के अहरौरा में हेडकांस्टेबल पद पर तैनात है। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे बेचन सिंह ने बताया कि उन्हें अब भी विश्वास नहीं है कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर लिया है। कारण कि वह काफी साहसी थी और संघर्ष करना जानती थी।