बता दें कि मऊ जिले के मोहम्मदाबाद में अनाथ आश्रम चलाने वाले शेखर व उसके साथी अनाथ आश्रम के आड़ में बच्चों को बचने का कारोबार करते हैं ऐसी शिकायत पुलिस को मिली थी। इसी बीच गिरोह के मुखिया शेखर तिवारी व उसके साथियों ने गोरखनाथ राजेंद्र नगर इलाके में रहने वाली शायदा उर्फ गुड़िया के बेटे अंश को तीन लाख रुपये में बेचने का प्लान बनाया था। 26 सितंबर की रात वे शायदा को झांसा देकर बच्चे के साथ डोमिनगढ़ पुल पर ले आए और बच्चे को अगवा कर लिया। शोर मचाने पर आसपास के लोगों ने शेखर समेत तीन लोगों को पकड़ लिया था। जबकि गिरोह के अन्य सदस्य दूसरी गाड़ी से बच्चे को लेकर भाग गए थे। शायदा की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तिवारीपुर थाना पुलिस ने शेखर तिवारी, अनिल पासवान, जितेंद्र भारती, अनुराधा उर्फ गोल्डी उसकी मां पुष्पा देवी, अंकित मिश्रा और इलियाज खां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
बाकी आरोपियों की तलाश जारी थी। इस बीच रविवार को पुलिस को जानकारी मिली कि एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहे बांसगांव के हड़वा रामचंद्र उर्फ आनंदपुरवा गांव निवासी मनीष मिश्रा डोमिनगढ़ में मौजूद है। इसके बाद पुलिस ने घेरेबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके मोबाइल फोन में 20 बच्चों के फोटो मिले, जिनके बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। घटना में शामिल रहे गोरखनाथ के राजेंद्रनगर निवासी बदमाश अंकुर सिंह उसके साथी टुनटुन, रवि, छोटू समेत तीन अन्य की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही सभी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।