बता दें कि अपने बूथ प्रबंधन के दम पर ही बीजेपी वर्ष 2014 से अब तक लगातार बड़ी जीत हासिल कर सत्ता पर काबिज होती रही है लेकिन पूर्वांचल में आजमगढ़ सहित कई जिले ऐसे हैं जहां पार्टी आज तक बेहतर नहीं कर पाई है। लोकसभा उपचुनाव में भले ही आजमगढ़ सीट बीजेपी ने जीती हो लेकिन हारजीत का अंतर मात्र साढ़े आठ हजार वोटों का है। वहीं बीजेपी को 600 से अधिक बूथों पर करारी हार का सामना करना पड़ा है।
अब बीजेपी ने पूरे प्रदेश में ऐसे बूथों को चिन्हित किया जहां जहां उसे हार का सामना करना पड़ता है अथवा बूथ कमजोर है। ऐसे बूथों को मजबूत कर बीजेपी ने वर्ष 2024 में बड़ी जीत हासिल करने का प्लान बनाया है। इसके लिए पार्टी ने सरल एप लांच किया है। एप पर कमजोर बूथों का डाटा अपलोड किया जा रहा है। डाटा अपलोड कराने की जिम्मेदारी सांसद, विधायक, एमएलसी और मंत्रियों को सौंपी गयी है। एक सांसद को अधिकतम 200 और विधायक को 50 कमजोर बूथ का डाटा अपलोड करने के लिए पार्टी की ओर कहा गया है। यह कार्य शुरू भी हो गया है।
पार्टी नेतृत्व ने पिछले चार चुनावों लोकसभा चुनाव 2014, 2019 और विधानसभा चुनाव 2017 व 2022 के परिणाम पर कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के मुताबिक कमजोर बूथों की सूची सांसदों और विधायकों को उपलब्ध करा दी है। उसी आधार पर डाटा अपलोड करने का कार्य किया जा रहा है। डाटा अपलोड होने के बाद पार्टी नेतृत्व संबंधित बूथों के कमजोर होने की वजहों को दूर करने के लिए मार्गदर्शन करेगा। एप पर पूरी जानकारी उपलब्ध रहने से बूथ स्तर की मानिटरिंग प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।
भाजपा जिलाध्यक्ष ऋषिकांत राय ने बताया कि लालगंज लोकसभा क्षेत्र में 550 बूथ चिन्हित किए गए हैं। यहां चुंकि पार्टी का सांसद नहीं है इसलिए डाटा अपलोड की जिम्मेदारी राज्यसभा सदस्य संगीता यादव, कैबिनेट मंत्री एके शर्मा, एमएलसी सीपी चंद को सौंपी गयी है। कार्यकर्ताओं की मदद से काम किया जा रहा है। वहीं आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र की कमान खुद नव निर्वाचति सांसद निरहुआ ने संभाल रखी है। उन्होंने बताया कि पिछले चार चुनाव में बूथ पर भाजपा को मिले वोटों की संख्या। बूथ पर जाति व धर्मवार मतदाताओं का विवरण। बूथ क्षेत्र में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों की सूची, बूथ क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों की सूची और उनका पार्टी के प्रति रुझान आदि ब्यौरा इसमें शामिल है।
वहीं क्षेत्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि सरल एप पर कमजोर बूथों का डाटा अपलोड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हमारे आईटी कार्यकर्ता इस कार्य में सांसदों व विधायकों का सहयोग कर रहे हैं। एक बार जब एप पर जब डाटा अपलोड हो जाएगा तो बूथों के कमजोर होने की वजह एक प्लेटफार्म पर मौजूद रहेगी। इससे उन्हें मजबूत करने की दिशा में कार्य करना आसान हो जाएगा।