पुत्र और पुत्री के साथ रहती थी विधवा
गाजीपुर जिले के कठउत गांव की कौशल्या देवी पत्नी स्व. केदार राजभर अपने पुत्र गौरी के साथ घर पर रहती थी। वर्तमान में उनकी पुत्री बलिया जिले के चितबड़ागांव निवासी मालती देवी पत्नी वीरेंद्र राजभर भी उनके साथ रहती थी। गौरी रविवार को निमंत्रण में गया था। आने के बाद वह दूसरे कमरे में सो गया था।
बेरहमी से की गई मां-बेटी की हत्या
मां-बेटी कमरे में साथ सोई थी। सुबह जब देर तक नहीं उठी तो बेटा गौरी उन्हें जगाने के लिए गया तो हालत देखकर सन्न रह गया। उसकी मां व बहन कमरे के बाहर अर्धनिर्मित कमरे की जमीन पर मृत पड़ी थी। उनके मुंह से खून निकलकर गिरा था। उसकी रोने की आवाज सुनकर पास पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया।
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फोरेंसिक टीम ने किया साक्ष्य संकलन
हत्या की सूचना पर सीओ श्याम बहादुर सिंह, थानाध्यक्ष अशोक कुमार मिश्र, पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह फोरेंसिक टीम के साथ मौक पहुंचे। टीम ने घटनास्थल साक्ष्य संकलन किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना की जानकारी होने पर आईजी वाराणसी भी मौके पर पहुंच गए है।
हत्या के पीछे जमीन का विवाद
स्थानीय लोगों के मुताबिक पट्टीदार मोहन राजभर की करीब साढ़े सात बिस्वा जमीन गौरी ने गांव के संजय राय के साथ मिलकर मुसाफिर राम को 22 लाख में दो वर्ष पूर्व बिकवा दिया था। मोहन का आरोप था कि उसे जमीन का रुपया नहीं मिला है, पूरा रुपया गौरी व संजय ने मिलकर लिया। जमीन का रुपया मुसाफिर को वापस कर जमीन मोहन को देने को लेकर कई बार गांव में पंचायत भी हुई थी।
कौशल्या की देखरेख के लिए रहती थी मालती
जब से रुपये का विवाद शुरू हुआ गौरी की पत्नी अपने बच्चों के साथ मायके रहती थी। गौरी की बहन मालती देवी मासूम पुत्र बाबू के साथ अपनी बूढ़ी मां कौशल्या की देखरेख के लिए मायके कठउत आकर रहने लगी थे। रात में मां-बेटी दोनो की हत्या कर दी गई।
क्या कहते हैं अधिकारी
आईजी के. सत्यनारायण का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला जमीन बेचने के रुपये के लेनदेन से जुड़ा लग रहा है। वैसे पुलिस कई पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच में लगी है। जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।