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आजमगढ़ में सांसद अखिलेश यादव के लापता होने के पोस्टर लगा दिए गए

locationआजमगढ़Published: Feb 08, 2020 04:16:07 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की ओर ये पोस्टर लगाए गए हैं

akhilesh yadav

बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की ओर ये पोस्टर लगाए गए हैं

आजमगढ़. कभी अखिलेश यादव की सरकार के दौरान सपा मुखिया के लापता होने का पोस्टर आजमगढ़ लगा था। उस समय आरोप भाजपाइयों पर लगा था लेकिन अब पूर्व सीएम अखिलेश यादव को लापता बताते हुए पोस्टर वार शुरू हो गया है। यह पोस्टर वार शुरू किया है कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने। इससे सीएए, एनआरसी जैसे मुद्दे पर विपक्ष की एकजुटता की भी पोल खुल गयी है।
कांग्रेस ने अखिलेश यादव को लापता बताते हुए न केवल शहर में पोस्टर लगवाया है बल्कि सपा मुखिया से सवाल किया है कि बिलरियागंज में एनआरसी व सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम महिलाओं पर लाठी चार्ज हुआ। उनकी बर्बर पिटाई के बाद भी अखिलेश चुप क्यों हैं। आखिर 2019 के चुनाव के बाद से सांसद लापता कहां हैं।
बता दें कि अभी हाल में सीएए, एनआरसी के खिलाफ बिलरियागंज में महिलाओं और बच्चों को आगे कर उपद्रव की कोशिश हुई थी। इस ममाले में पुलिस ने 35 नामजद और सौ से अधिक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना ताहिर मदनी सहित 19 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
इस मामले में प्रशासन का दावा है कि महिलाओं और बच्चों को आगे कर जिले में हिंदू मुस्लिम दंगे की साजिश रची गयी थी। वहीं विपक्षी दल पुलिस कार्रवाई को लेकर लगातार विरोध जता रहे हैं। सपा का एक प्रतिनिधिमंडल जेल में बंद लोगों से मुलाकात कर चुका है तो कांग्रेस घटना वाले दिन से ही विरोध कर रही है। इसी बीच शनिवार को उस समय विपक्षी एकता में दरार देखने को मिली जब उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा पूर्व सीएम व आजमगढ़ सांसद अखिलेश यादव के लापता होने का पोस्टर जारी कर दिया गया। यह पोस्टर सोशल मीडिया पर तो वायरल किया ही जा रहा है साथ ही कांग्रेस कार्यालय, बीजेपी नगर कार्यालय के नीचे व शहर के अन्य क्षेत्रों में भी लगा दिया गया है।
पोस्टर के जरिए कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने सवाल किया है कि एनआरसी व सीएए के खिलाफ बिलरियागंज में प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम महिलाओं की बर्बर पिटाई की गई। लोगों को फर्जी मुकदमें में फंसाया गया लेकिन अखिलेश यादव चुप क्यों है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद आखिर सांसद गायब कहां हैं।
पोस्टर पर अखिलेश यादव की फोटो लगाई गई है और फोटो के मुंह पर पट्टी लगाई गई है। वही कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि मुसलमानों के अस्सी फीसदी वोट लेने वाले अखिलेश यादव जबकि यहां के सांसद है तब भी वे महिलाओं पर हुए अत्याचार के खिलाफ केवल ट्वीट कर रहे हैं। अब ट्वीट से काम चलने वाला नहीं है।
कांग्रेस नेता नदीम ने कहा कि अखिलेश यादव खुद को मुसलमानों का हितैषी बताते हैं। मुसलमानों के कल्याण का दम भरते हैं लेकिन जब मुसलमानों के साथ अत्याचार होता है तो चुप क्यांे हो जाते हैं। क्या अखिलेश यादव सरकार से डर गए हैं अथवा विपक्ष इतना कमजोर हो गया है कि जुल्म और ज्यादती के खिलाफ आवाज उठाने का मद्दा नहीं रखता है।

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