2020 में मऊ में दर्ज हुआ था मुकदमा माफिया मुख्तार की राजनीतिक पकड़ और हनक का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि साल 2014 से लेकर 2020 तक उसपर मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़ में एक भी मुकदमें दर्ज नहीं हुए थे। साल 2020 में मऊ के तत्कालीन एसपी अनुराग आर्या ने पूर्वांचल में 6 साल बाद मुख़्तार पर दक्षिण टोला थाने पर मुकदमा दर्ज करवाया। इस मुकदमें के बाद अनुराग आर्य ने मुख्तार और उसके गैंग को संभलने का मौका नहीं दिया।
दर्ज कराए 26 गैंगस्टर एक्ट में मुकदमें एसपी अनुराग आर्य ने मऊ एसपी के पद पर रहते हुए। माफिया मुख्तार के 26 गुर्गों पर गैंगेस्टर एक्ट के मुकदमे दर्ज कराए और इसमें कई पर प्रभावी कार्रवाई भी हुईं। इन मुकदमों से हताश मुख्तार के गुर्गों ने आपराधिक घटनाओं से किनारा कर लिया।
शार्प शूटरों पर प्रभावी कार्रवाई अनुराग आर्य ने यहां एसपी रहते हुए पूरे पूर्वांचल में दहशत का पर्याय बने मुख्तार के शूटरों के विरुद्ध अभियान शुरू किया और उनपर लगातार कार्रवाई की। इसी क्रम में चिरैयाकोट थानाक्षेत्र में मुख्तार के शार्प शूटर अनुज कनौजिया का मकान भी गैंगेस्टर एक्ट में जमीदोज किया था।
32 साल पुराने मामले में कल हुई है उम्र कैद की सजा मुख़्तार अंसारी को कल ही वाराणसी एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश अवनीश गौतम ने सजा सुनाई है। इसमें उम्र कैद के साथ 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस सजा के बाद मुख़्तार के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बता कही है। अवधेश राय हत्याकांड में कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।