बता दें कि तरवां थाना क्षेत्र के ऐराखुर्द में सड़क निर्माण के दौरान वर्चश्व की लड़ाई में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के लोगों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गयी थी। जिसमें मजदूर की मौत हो गयी थी। जबकि एक मजदूर घायल हो गया था। ठेकेदार ने इस मामले में तरवां थाने में मुख्तार और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की विवेचना मेंहनगर थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार को सौंपी गयी थी।
योगी सरकार ने अपराधियों के खिलाफ काार्रवाई शुरू किया तो मुख्तार को टाप टेन अपराधियों की सूची में शामिल किया गया। इसके बाद से ही मुख्तार और उसके करीबियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। तरवां कांड में पुलिस ने पिछले दिनों मुख्तार और उसके 10 सहयोगियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई थी। उसी दौरान मुख्तार को पंजाब के रोपण जेल भेज दिया गया था।
पुलिस ने मुख्तार को कई बार गैंगेस्टर कोर्ट में पेश करने का प्रयास किया लेकिन पंजाब सरकार और प्रशासन से मदद नहीं मिली। मुकदमे के विवेचक तत्कालीन एसओ मेंहनगर व वर्तमान में स्वाट टीम प्रभारी प्रशांत श्रीवास्तव कई बार पंजाब के रोपण जेल वारंट बी ले कर गए थे, लेकिन हर बार मुख्तार मेडिकल लगा कर पेशी से बच गये।
अब सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद मुख्तार को यूपी के बादा जेल में शिफ्ट किया गया है। मुख्तार के बांदा जेल में आते ही आजमगढ़ पुलिस ने बांदा जेल अधीक्षक को वारंट बी का तामिला करा दिया है। अब 22 अप्रैल को कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्तार को आजमगढ़ गैंगेस्टर कोर्ट में पेश किया जाएगा।