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अमेरिकी राष्ट्रपति को पूर्वांचल की संस्कृति से रूबरू कराएंगे आजमगढ़ के मुन्नालाल यादव

locationआजमगढ़Published: Feb 22, 2020 08:47:26 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

लोकनृत्य धोबिया को जीवित रखने वाले मुन्ना 32 सदस्यीय टीम के साथ रवाना हुए आगरा

munna lal

लोकनृत्य धोबिया को जीवित रखने वाले मुन्ना 32 सदस्यीय टीम के साथ रवाना हुए आगरा

आजमगढ़. भारत आगमन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप और उनकी पुत्री पूर्वांचल की लोककला और संस्कृति से रूबरू होंगी। सीएम योगी ने यह जिम्मेदारी धोबिया जैसे प्राचीन लोकनृत्य कला को जीवंत रखने वाले आजमगढ़ के मुन्ना लाल यादव व उनकी टीम को सौंपी है। मुन्ना लाल शनिवार को अपनी 32 सदस्यीय टीम के साथ आगरा रवाना हुए। मुन्नालाल का मानना है कि विदेशी राष्ट्रपति के सामने अपनी प्राचीन कला के प्रदर्शन से जहां कलाकारों का मनोबल बढ़ेगा वहीं विलुप्त हो रही इन कलाओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्राप्त होगा।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी पुत्री के साथ 24 फरवरी को आगरा पहुंच रहे है। इस दौरान वे न केवल ताज महल का दीदार करेंगे बल्कि यूपी और खासतौर पर पूर्वांचल की कला और संस्कृति से रूबरू होगे। इसकी तैयारियां जोरशोर से चल रही है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ तैयारियों की निगरानी कर रहे है। इस समारोह में पूर्वांचल की प्राचीन लोकनृत्य कला को प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी आजमगढ़ के तरवां ब्लाक के जियापुर गांव निवासी लोक कलाकार मुन्ना लाल यादव को सौंपी गयी है। मुन्ना लाल आज अपनी 32 सदस्यीय टीम के साथ आगरा रवाना हुए है।

बकौल मुन्ना लाल यह सरकार की एक अच्छी पहल है कि गांव की लोक कलाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। आज कठघोड़वा, धोबिया, गोड़ऊ, कहरवा जैसी लोकनृत्य विधाए विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गयी है। यह कार्यक्रम न केवल हम कलाकारों को प्रेरित करेगी बल्कि इन कलाओं को आगे बढ़ाने का मौका देगी।
उन्होंने कहा कि सरकार भी प्रयास कर रही है कि हमारी विलुप्त हो रही संस्कृति और सभ्यता को बचाया जाय उन्हें आगे बढ़ाया जाय। इससे हम कलाकारों को आत्मबल मिला है। हम इसके लिए सरकार को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हम पिछडे़ कलकारों को बारे में सोचा और हमारी कला और संस्कृति को बचाने का प्रयास शुरू किया।
उन्होंने बताया कि हमने कठघोड़वा, धोबिया, गोड़ऊ, कहरवा से जुड़े लोगों को एकजुट किया और प्रयास किया कि इन विधाओं को आगे बढ़ाया जाय साथ ही सरकार का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया जाय। कारण कि सरकारे इस तरफ ध्यान नहीं दे रही थी। इससे जुड़े लोग तंगी के शिकार थे। अब सरकार ने इसकी तरफ ध्यान देना शुरू किया है लेकिन सरकार से हम चाहेंगे कि सरकार जो गांव के पिछड़े कलाकरों की मदद करे ताकि इन कलाओं को जिंदा रखा जाय।
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