scriptमऊ की बेटियों ने पीएम मोदी को भेजा 2000 तिरंगा पोस्टकार्ड, तो आजमगढ़ की मुस्लिम महिलाएं बोली तिरंगे से बड़ी क्या होगी पगार | Muslim girls send postcards to PM Modi from Azamgarh Mau on Independence day azadi ka amrit mahotsav | Patrika News

मऊ की बेटियों ने पीएम मोदी को भेजा 2000 तिरंगा पोस्टकार्ड, तो आजमगढ़ की मुस्लिम महिलाएं बोली तिरंगे से बड़ी क्या होगी पगार

locationआजमगढ़Published: Aug 14, 2022 08:24:57 pm

Submitted by:

Ranvijay Singh

आजादी के अमृत महोत्सव में हर कोई योगदान देने के लिए उत्सुक है। मऊ जिले की बेटियों ने तो पीएम मोदी को बधाई देने के लिए 2000 तिरंगा पोस्टकार्ड ही तैयार कर डाला। वहीं आजमगढ़ में समूह से जुड़ी महिलाएं दिन रात एक कर तिरंगा तैयार करती नजर आई। जब उनसे परिश्रमिक के बार में पूछा गया तो उन्होंने दो टूक कहा कि भाईजान तिरंगा बनाने का अवसर मिलने से बड़ा पारिश्रमिक और क्या हो सकता है।

तिरंगा बनाती आजमगढ़ की महिलाएं व पोस्टकार्ड बनाती मऊ की छात्राएं

तिरंगा बनाती आजमगढ़ की महिलाएं व पोस्टकार्ड बनाती मऊ की छात्राएं

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर गजब का उत्साह है। हर घर तिरंगा की जगह हर हाथ में तिरंगा दिख रहा है। उत्साह तो देखते ही बनता है। खासतौर पर आजमगढ़ मंडल में। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए समूह का गठन करने वाली महिलाएं भी पारिश्रमिक को लेकर चिंतित नहीं है बल्कि वे खुद को सौभाग्यशाली मान रही हैं कि उन्हें तिरंगा बनाने का अवसर प्रदान हुआ। आजमगढ़ में तिरंगा बना रही समूह की मुस्लिम महिलाओं से जब पारिश्रमिक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया कि भाईजान तिरंगा बनाने का मौका मिलने से बड़ी पगार और क्या हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ मऊ में ललित कला प्रशिक्षण परिषद से जुड़ी हिना खान आदि बेटियों ने दो हजार तिरंगा पोस्टकार्ड तैयार कर पीएम मोदी को भेजा है।

बता दें कि आजादी के अमृत महोत्सव में जिले के 8 लाख घरों पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा गया है। चार लाख तिरंगा जिले में तैयार होना था जिसमें जिला मुख्यालय से 13 किमी दूर स्थित सठियांव के आले नवी स्वयं सहायता समूह को 380 राष्ट्रीय ध्वज बनाने को कहा गया था। इनका परिश्रमिक भी तय नहीं हुआ था। समूह की महिलाएं कहीं न कहीं आर्थिक तंगी का भी शिकार हैं। इसके बाद भी समूह की सचिव शफत परवीन के नेतृत्व बेबी, हलीमा, सानिया, सलमा समेत 13 मुस्लिम महिलाओं ने पूरी शिद्दत से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। महिलाएं सारे काम छोड़ तिरंगा निर्माण में जुटी दिखी।

समूह की महिलाओं से बातचीत में उनकी जिंदगी का दर्द भी उभरा। एक महिला ने बताया कि पति ने दूसरी शादी कर ली है। दूसरों के घरों में झाडू बर्तन से गृहस्थी चलती है। अब समूह से जुड़कर बेहतरी की उम्मीद है। समूह की अध्यक्ष बेली के परिवार में चार बच्चों समेत छह लोग हैं। पति एक स्कूल में काम करते हैं, जबकि वह खुद रेडीमेड की छोटी सी दुकान चलाती है। समूह की दूसरी सदस्यों की भी अपनी-अपनी परेशानियां हैं, फिर भी वे तिरंगा बनाने का काम मिलने से खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही थी। सिलाई मशीन पर बैठी समूह की सचिव शफत परवीन से जब परिश्रमिक के बारे में पूछा गया तो उनकी आंखे छलक उठी। उन्होंने दो टूक कहा कि भाईजान तिरंगा बनाने का अवसर मिलने से बड़ी कोई पगार हो सकती है क्या। हमारा सौभाग्य है कि हमें ऐसा अवसर मिला।

वहीं दूसरी तरफ मऊ जिले के नगर क्षेत्र में स्थित ललित कला प्रशिक्षण परिषद की छात्राओं ने 2000 तिरंगा पोस्टकार्ड तैयार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डाक से भेजा है। हफ्तों की मेहनत के बाद छात्राओं ने यह पोस्टकार्ड तैयार किया है। हिना खातून व प्रीति गुप्ता ने बताया कि उन्होंने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के अंतर्गत सहपाठियों के साथ मिलकर यह कार्ड तैयार किए थे। उसे हमने देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है।

आर्टिस्ट प्रशिक्षण केंद्र के प्रबंधक मुमताज खान ने बताया कि हमारा सौभाग्य है कि आज हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव मना रहे है। हमारे केंद्र की छात्राओं ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत अपने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान करने के लिए उन्हें तिरंगे का पोस्टकार्ड बनाकर भेजा हैं। हम सभी के लिए इससे सुखद क्षण हो ही नहीं सकता।

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