बात दें कि बीजेपी निरंतर जातीय समीकरण को साधने का प्रयास कर रही है। पहले जिले के रहने वाले व मऊ जिले के विधायक पूर्व मंत्री फागू चौहान को पिछड़ी जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया तो विभिन्न जाति के दर्जन भर अधिवक्ताओं ने पार्टी ने शासकीय अधिवक्ता नियुक्त किया। अब नरेंद्र सिंह को पूर्वांचल विकास बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया है।
नरेंद्र सिंह ने आरएसएस से राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी। वे पहली बार वर्ष 1991 में लालगंज से विधानसभा चुनाव लड़े और 21 मतों से हार गए। वर्ष 1993 में भी वे जीत हासिल नहीं कर पाए। इसके बाद वर्ष 1996 के चुनाव में उन्हें विधानसभा पहुंचने का मौका मिला। वर्ष 2002 का चुनाव करीब 22 सौ वोट से वे बसपा से हार गए थे। इसके बाद यह सीट सुरक्षित हो गयी और नरेंद्र सिंह का चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला।
नरेंद्र सिंह ने बीजेपी संगठन के लिए लंबे समय तक कार्य किया है। वे भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री सहित विभिन्न पदों पर काम कर चुके है। अब उन्हें योगी सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। एक पुराने नेता को सम्मान मिलने से कार्यकर्ता भी खुश हैं। पंचायत प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक रमाकांत मिश्र का कहना है कि भाजपा ने हमेशा ही कार्यकर्ताओं का सम्मान किया है। नरेंद्र सिंह पद के हकदार से। उनके उपाध्यक्ष बनने से उनका लंबा राजनीतिक अनुभव पूर्वांचल के विकास में काम आएगा। कारण कि वे पूर्वांचल से पूरी तरह परचित है और संगठन में रहते हुए लंबे समय तक यहां काम किया है। इसलिए वे सरकार को योजना बनाने में काफी मदद कर सकते हैं। इनके उपाध्यक्ष बनने से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है।
BY- Ranvijay Singh