बता दें कि यूपी में एनसीपी का कोई जनाधार नहीं है। ना ही किसी चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी कोई करिश्मा कर सके है। सूत्रों की माने तो पार्टी हाईकमान महाराष्ट्र में कमजोर हो रही पार्टी की हालत से चिंतित है और अब उनकी नजर उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य पर है। पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में छोटे दलों के साथ गठजोड़ कर या किसी बड़े गठबंधन में शामिल होकर कुछ सीटों पर प्रत्याशी उतार सकती है।
इसके पूर्व पूरा जोर संगठन को मजबूत बनाने में लगाया जा रहा है। इसी क्रम में पार्टी ने आजमगढ़ के हरिश्चंद सिंह को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाकर सवर्ण मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का दाव खेल दिया है। हरिश्चंद सिंह राष्ट्रवादी कांग्रेस के संस्थापक सदस्य हैं और पूर्व में प्रदेश महासचिव मीडिया एवं फ्रंटल/ प्रकोष्ठों के प्रभारी की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
शरद पवार के नेतृत्व में हरिश्चंद्र सिंह पिछले 20 वर्षों से पार्टी के लिए काम कर रहे है। माना जा रहा है कि उनके उपाध्यक्ष बनने से पार्टी को फायदा मिलेगा। हरिश्चन्द्र सिंह को उत्तर प्रदेश का उपाध्यक्ष मनोनीत किये जाने से कार्यकर्ता गदगद है। जिला उपाध्यक्ष पिंटू सिंह ने कहा कि हरिश्चंद सिंह अनुभवी, सरल, सौम्य, मृदुभाषी स्वाभाव के है। उनकी संगठन छमता लाजबाब है। उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने से निश्चित रूप से पार्टी मजबूत होगी।