प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि यह सरकार का तुगलकी फरमान है। यदि कैमरा लगवाना है तो सरकार इसके लिए प्रति विद्यालय बजट की व्यवस्था करे क्योंकि हमारे विद्यालय के पास इतना पर्याप्त संशाधन नहीं है। आज प्रबन्धकों के सामने एक विकट समस्या पैदा हो गयी है। सरकार से अनुरोध है कि प्रबन्धकों के कठिनाई को सहृदयता पूर्वक विचार करते हुए पूर्व की भांति एक ही कैमरा से नकल विहीन परीक्षा संपादित कराने का कष्ट करें। हम सभी प्रबन्धक नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न कराने का वचन देते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार प्रबन्धकों की आर्थिक स्थिति को समझते हुए फैसला करे। प्रधानाचार्य श्याम नरायण सिंह ने कहा कि संकलन केन्द्र अधिकतम तहसील स्तर पर बनाया जाए और परीक्षा केन्द्र पर होने वाले खर्च की धनराशि यथोचित की जाय। अब तक परीक्षा हेतु जो धनराशि प्राप्त होती है वह बहुत कम है। परीक्षार्थीयों की संख्या प्रत्येक कमरो में न्यूनतम 40 की जाए, कक्ष निरीक्षक दो ही रहें।
प्रदेश प्रवक्ता बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि संगठन में बहुत शक्ति है। हम अपनी लड़ाई को लोकतांत्रिक तरीके से लड़ेगे, जिसे सरकार मानने के लिए बाध्य होगी। जिला अध्यक्ष रमाकान्त वर्मा ने आए हुए सभी प्रबंधको को धन्यवाद दिया एवं आगे लड़ाई में संगठित रहने के लिए प्रेरित किया। संगठन के लोगों ने यह निर्णय लिया कि कुँवर सिंह उद्यान में एकत्रित होकर दिनांक 14 सितंबर को पूर्वांह्न 11 बजे आयुक्त, जिलाधिकारी, संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं जिला विद्यालय निरीक्षक को ज्ञापन देगें। बैठक में राम अचल यादव,सीताराम पाण्डेय,बृजभूषण सिंह,संजय राय, उमेश राय, अनिल यादव, राम भुवन यादव,अमित राय आदि उपस्थित रहे।
By Ran Vijay Singh