पीड़ित छात्रा के मुताबिक 11 सितंबर की रात उसे अनजान नंबर से वीडियो कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद को लखनऊ में तैनात आईपीएस अधिकारी अंकित गुप्ता बताया। उसकी डीपी में डीआईजी का लोगो लगा हुआ था। उसने छात्रा से बताया कि उसकी अश्लील वीडियो वायरल हो रही है। छात्रा ने जब अपनी वीडियो होने से इनकार किया तो जालसाज ने कहा इसकी जांच की जाएगी। इसके लिए महिला पुलिस अधिकारी ऑनलाइन पड़ताल करेंगी। भावना, सुमन और गुड्डी नाम की तीन महिलाओं को मामले की जांच अधिकारी बनाया गया है। इन महिलाओं ने छात्रा को व्हाट्सअप कॉल कर वीडियो की जांच के नाम पर उसे न्यूड होने के लिए कहा।
जालसाजों को असली अधिकारी समझ छात्रा ने उनकी बात मान ली और न्यूड हो गई। उसी दौरान जालसाजों ने उसकी अश्लील वीडियो व तस्वीरें बना ली। यही नहीं जालसाजों ने छात्रा को धमकाकर जांच के नाम पर 2400 रुपये ऑनलाइन ऐंठ लिए। अगले दिन उसके कुछ दोस्तों में वीडियो वायरल कर दिया गया। इसके बाद छात्रा ने बीएचयू प्रॉक्टोरियल बोर्ड व लंका थाने में शिकायत की थी। छात्रा का न्यूड वीडियो सामने आने के बाद पुलिस भी सकते में आ गई और मामले की जांच शुरू की।
पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि जांच के दौरान दोनों आरोपियों की पहचान झांसी जिले के गुरसराय थाना के सरसेड़ा निवासी चंद्रपाल परिहार और उसके साथी सगरा निवासी मोहम्मद नासिर के रूप में हुई है। चंद्रपाल परिहार गिरोह का सरगना है। उसी ने खुद को आईपीएस अंकित गुप्ता बताया था। छात्रा को ब्लैकमेल करके रुपये उसने मो. नासिर के खाते में मंगवाए थे। पुलिस ने दोनोें आरोपियों को झांसी से गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों ने बीएचयू की दो छात्राओं के साथ इस तरह की हरकत की है। पकड़े गए जालसाजों के अन्य जिलों में भी अपराध का पता लगाया जा रहा है। पुलिस अब इन दोनों पर गैंगस्टर की कार्रवाई करेगी।