बता दें कि सदर तहसील क्षेत्र के करतारपुर ब्रह्मस्थान निवासी रमेश वर्मा पुत्र प्रयाग वर्मा काफी गरीब है। ब्रह्मस्थान स्थित सुखदेव पहलवान स्टेडियम गेट के बगल में गुमटी में चाय बेचकर किसी तरह वह परिवार का भरण पोषण कर रहा है। रमेश दिनभर दुकान पर चाय बेचता है और रात में दुकान के बाहर सो जाता है। उसकी पत्नी और तीन बच्चों के रहने का भी कोई ठिकाना नहीं है। धन के आभाव में वह बच्चों को अच्छी शिक्षा तक नहीं दे पा रहा है तो घर कहां से बनवायें।
आवासीय समस्या को देखते हुए उसने कांशीराम आवास के लिए आवेदन किया था। जांच के बाद तीन जनवरी 2018 को उसे डीएवी के पास स्थित कांशीराम आवास में कमरा आवंटित किया गया। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने उसे आवास का प्रमाण पत्र दिया। ऐसा लगा कि शायद उसकी समस्या का समाधान हो जाएगा लेकिन एक दबंग किस्म के व्यक्ति ने उसके आवास में ताला जड़ दिया। पीड़ित ने इसके बाद पीड़ित ने जिलाधिकारी को प्रार्थना प्रत्र देकर समस्या से अवगत कराया। डीएम ने डूडा को कब्जा दिलाने का निर्देश दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर पांच सितंबर को पीड़ित ने आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। आयुक्त ने एडीएम प्रशासन को कब्जा दिलाने का निर्देश दिया साथ ही आख्या भी देने को कहा लेकिन मामला आज भी ठंडे बस्ते में है। पीड़ित प्रतिदिन डूडा कार्यालय जा रहा है लेकिन विभाग के अधिकारी उसकी सुनने के लिए तैयार नहीं है। ठंड के महीने में भी पीड़ित खुले आसमान के नीचे सो रहा है।