बता दें कि आजमगढ़ ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में वाहन चोरी का एक बड़ा गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह चोरी तो सामान्य तरीके से करता है लेकिन वाहनों की बिक्री में साइबर का इस्तेमाल करता है जिसके कारण यह आसानी से पकड़ में नहीं आता। इस गिरोह में शामिल एक युवक साइबर कैफे चलाता है जो फर्जी आईडी, वाहनोें का फर्जी नंबर आदि आसानी से बना देता है। वहीं बाकी सदस्य ओएलएक्स पर फर्जी नामों ने आईडी बनाकर वाहनों को सेल करते है। यह गिरोह प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में वाहन बेचता है। यही नहीं एक ही वाहन फर्जी नंबर के जरिये कई लोगों को बेच दी जाती है।
फर्जीवाड़ा करने वाले ऐसे गिरोह के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ प्रो. त्रिवेणी सिंह के निर्देश पर प्रभारी निरीक्षक कोतवाली अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है। गुरूवार को कोतवाली प्रभारी ने मुखबिर की सूचना पर अपराह्न करीब 1.45 बजे नरौली से तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर चोरी 9 दो पहिया वाहन बरामद किए।
गिरफ्तार आरोपी अंशदीप सिंह उर्फ टिंकू पुत्र स्व. श्याम बहादुर सिंह कप्तानगंज थाना क्षेत्र के वाजिदपुर, अंकित यादव पुत्र अमरजीत यादव टहर किशुनदेवपुर तथा सरविन्द यादव पुत्र रामदयाल यादव अहिरौला थाना क्षेत्र के मंगारीपुर गांव का रहने वाला है।
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक उक्त गिरोह वाहन चोरी कर फर्जी पेपर तैयार करता है। फिर ओएलएक्स पर फर्जी आईडी बनाकर वाहन बिक्री का एड करता है। इसपर बाकायदा वाहन का फोटो, फर्जी नंबर आदि डाला जाता है। इसपर वे मोबाइल नंबर भी डालते है। जब खरीददार इन्हें फोन करता है तो उसे महंगे दामों पर बेचते है और जब वह कागज मांगता है तो उसे बहाना बनाकर वाहन वापस ले लेते है और दूसरे को बेच देते है। पहचान छुपाने के लिए यह लोग अपनी भी फर्जी आईडी बनाते हैं ताकि पहचान न हो सके। गिरोह का सरगना अब भी पुलिस की पहुंच से बाहर है। उसकी तलाश के लिए टीमों को लगाया गया है। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि इन वाहनो को ओएलएक्स के माध्यम से बेच दिया गया है। उन्होंने बाइक के अलावा तमाम चार पहिया वाहन चुराकर बेेचा है। आज पकड़ी गयी बाइकों को वह डिलवरी देने के लिए लाए थे।
BY- RANVIJAY SINGH