scriptUP Assembly Election 2022: ओमप्रकाश के दाव में बुरे फंसे अखिलेश, चाचा शिवपाल भी बढ़ा रहे मुश्किल | Omprakash and Shivpal increased Akhilesh tension demanding this seat | Patrika News

UP Assembly Election 2022: ओमप्रकाश के दाव में बुरे फंसे अखिलेश, चाचा शिवपाल भी बढ़ा रहे मुश्किल

locationआजमगढ़Published: Jan 17, 2022 02:42:14 pm

Submitted by:

Ranvijay Singh

UP Assembly Election 2022 यूपी की सत्ता हासिल करने में जुटे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सुभासपा और प्रसपा से गठबंधन जरूर कर लिया है लेकिन उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। सपा के सहयोेगी दल ही अखिलेश की मुश्किल बढ़ा रहे हैं। कारण कि इन सहयोगी दलों को सपा के गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ में ही तीन सीटों की डिमांड कर रहे हैं। अगर सीट नहीं देते तो गठबंधन पर खतरा और दिया तो पार्टी में ही उठापटक मच सकती है।

प्रतीकात्मक फोटो

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़.UP Assembly Election 2022 यूपी की सत्ता हासिल करने की जद्दोजहद में जुटे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सुभासपा और प्रसपा से गठबंधन कर बड़ा दाव चला लेकिन उनका यह दाव अब उनपर ही भारी पड़ता दिख रहा है। चुनाव की घोषणा हो चुकी है लेकिन सपा गठबंधन अभी पूर्वांचल में सीटों का बंटवारा नहीं पाया है। सूत्रों की मानें तो सपा का गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ में एक सीट की शिवपाल और दो सीट की डिमांड सुभासपा ने कर दी है जबकि तीनों सीटों पर सपा के पहले से कई दावेदार हैं। अगर सपा मुखिया गठबंधन के साथियों की बात नहीं सुनते तो आपसी खींचतान बढ़ेगी और अगर सीट दे दिया तो सपा में उठापटक मचने के साथ भीतरघात का खतरा बढ़ना तय है।

बता दें कि आजमगढ़ जिला सपा का गढ़ माना जाता है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा ने यहां 10 में से नौ सीटें जीती थी। केवल एक सीट मुबारकपुर बसपा के खाते में गई थी। वर्ष 2017 में बीजेपी की लहर होने के बाद भी सपा यहां पांच सीट जीतने में सफल हुई थी जबकि बसपा के खाते में चार सीट गयी थी। बीजेपी एक सीट जीतने में सफल हुई थी।
वर्ष 2022 के चुनाव की घोषणा हो चुकी है। सातवें चरण में आजमगढ़ में चुनाव होना है। बीजेपी निषाद पार्टी से गठबंधन कर मैदान में उतर रही है। बीजेपी ने अतरौलिया सीट निषाद पार्टी को दे दी है। चर्चा है कि सगड़ी सीट अपना दल के खाते में जा सकती है। वहीं सपा का गठबंधन शिवपाल यादव की प्रसपा और ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा से है। दीदारगंज और मेंहनगर विधानसभा सीट पर राजभरों की संख्या 50 हजार से अधिक है। इसलिए ओमप्रकाश राजभर यह दोनों सीट अपने लिए चाहते है। वर्ष 2017 में जब उन्होंने बीजेपी से गठबंधन किया था तो उस समय में उन्हें मेंहनगर सीट मिली थी।

वहीं दूसरी तरफ मेंहनगर सीट पर बसपा छोड़ सपा में शामिल हुई विद्या चौधरी, पूर्व विधायक बृजलाल सोनकर, वर्तमान विधायक कल्पनाथ पासवान सहित आधा दर्जन नेता दावेदारी कर रहे है। रहा सवाल दीदारगंज सीट का तो बसपा से हाल ही में सपा में शामिल हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर के पुत्र कमलाकांत यादव, पूर्व विधायक आदिल शेख, पूर्व मंत्री रामआसरे विश्वकर्मा, पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री डा. रामदुलार राजभर टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। यहां 70 हजार राजभर है। सपा को भरोसा है कि सुखदेव के निधन के बाद कमला कांत के साथ सहानुभूति होगी और वे सीट जीत जाएंगे। ऐसे में सपा यह सीट अपने पास ही रखना चाहती है।

इसी तरह मुबारकपुर सीट शिवपाल यादव अपने करीबी नेता पूर्व विधायक रामदर्शन यादव के लिए चाहते हैं। लेकिन यहां से सपा की तरफ से अखिलेश यादव, चंद्र देव राम यादव करैली और शाहआल सहित कई दावेदार पहले से हैं। पिछला दो चुनाव सपा राम दर्शन की वजह से ही हारी थी। सपा नेताओं में इस बात की टीस भी है। ऐसे में अगर यह सीट सहयोगी दल को जाती है तो सपा में भीतरघात का खतरा बढ़ सकता है।

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