scriptत्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में स्थानीय के बजाय बाहरी लोगों को टिकट देने से नाराज हैं भाजपा कार्यकर्ता | Outsiders Vs Local Issue in Ticket Distribution May Harm BJP | Patrika News

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में स्थानीय के बजाय बाहरी लोगों को टिकट देने से नाराज हैं भाजपा कार्यकर्ता

locationआजमगढ़Published: Apr 08, 2021 05:22:48 pm

-असंतुष्ट नेेता सोशल मीडिया पर निकाल रहे हैं अपनी भड़ास, बढ़ सकती है प्रत्याशी की मुश्किल
-टिकट न मिले से नाराज कार्यकर्ता निर्दल ठोक रहे है ताल, विपक्ष को मिल रही राहत

प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक फोटो

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. यूपी की सत्ता का सेमीफाइनल कहे जा रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर मिशन-2022 की तैयारियों को पुख्ता करने के प्रयास में जुटी बीजेपी अपने ही बुने जाल में उलझती जा रही है। कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी दुनिया के सबसे बड़ी पार्टी बनी बीजेपी के लिए अपने ही उलझन पैदा कर रहे हैं। बाहरियों को टिकट देने, स्थानीय कार्यकर्ताओं की अनदेखी पार्टी के लिए मुसीबत बन गया है। इससे पार्टी में भारी असंतोष है जिसका फायदा विपक्ष को मिलता दिख रहे है। पार्टी के कई कार्यकर्ता तो निर्दल मैदान में उतर गए है।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी पहली बार पंचायत चुनाव में उतरी है। पार्टी द्वारा जिले की सभी 84 जिला पंचायत सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी थी। जातीय समीकरण साधने के लिए पार्टी ने कई सीटों पर दूसरे क्षेत्र के रहने वाले कार्यकर्ताओं को प्रत्याशी बना दिया है। इससे पहले से चुनाव मैदान में कूद चुके पार्टी के कार्यकर्ताओं को झटका लगा है। या यूं कह सकते है कि उन्हें पार्टी का समर्थन नहीं मिला है।

टिकट की घोषणा के पहले चुनाव मैदान में कूद हजारों रुपया खर्च कर चुके ऐसे कार्यकर्ता खुद को ठगा हुई महसूस कर रहे है। ये लोग पार्टी के फैसले से काफी नाराज हैं यह अलग बात है कि कार्रवाई के डर से कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं हाफिजपुर से चुनाव लड़ने का फैसला कर चुके पार्टी नेता विनीत सिंह रिशू ने खुलकर बगावत कर दी है। उन्होंने सोशल प्लेटफार्म पर खुलकर भड़ास निकाली है। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट कर पूछा है कि क्या राजपूत होना मेरा पाप है, अगले पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि सामान्य सीट से बीजेपी ने दूसरे जिला पंचायत के व्यक्ति को दे दिया आखिर मेरी योग्यता में क्या कमी थी, कोई वरिष्ठ नेता बतायेगा क्या।

इसके अलावा भी उन्होंने कई पोस्ट किये हैं जो पार्टी के लिए मुसीबत पैदा कर रहा है। इसी तरह रंगडीह सीट पर भी दूसरे क्षेत्र का प्रत्याशी उतारने के कारण असंतोष है। यहां भी कार्यकर्ता पार्टी का फैसला हजम नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा भी आधा दर्जन ऐसी सीटें है जहां प्रत्याशी का चयन कार्यकर्ताओं को नहीं भा रहा है। पार्टी के बड़े नेता इस उपर का फैसला बता रहे है लेकिन अंसतोष और कार्यकर्ताओं के निर्दल मैदान में उतरने से सीधा नुकसान पार्टी को होता दिख रहा है।

BY Ran vijay singh

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो