पूर्वांचल में विपक्ष के लिए ओवैसी से बड़ी चुनौती साबित होंगे चंद्रशेखर
पूर्व में आजमगढ़ सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों में शक्ति प्रदर्शन कर चुकी है भीम आर्मी
आजमगढ़ तो खुलेआम काटा काटा था बवाल, दलित प्रधान हत्या कांड को भी भीम आर्मी ने की थी भुनाने की कोशिश
यूपी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारना माना जा रहा है तय

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे विपक्ष की चुनौतियां कम नहीं हो रही हैं। एक तरफ जहां एआईएमआईएम चीफ ओवैसी मुस्लिम मतदाताओं पर नजर गड़ाए हैं तो दूसरी तरफ भीम आर्मी दलित व पिछड़े मतदाताओं में सेंधमारी की कोशिश कर रही है। भीम आर्मी की पूर्वांचल में बढ़ती लोकप्रियता और संगठन के चीफ की सक्रियता ने विपक्ष की बेचैनी बढ़ा दी है। माना जा रहा है भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर विपक्ष के लिए ओवैसी से बड़ा खतरा बनकर उभर सकते हैं।
गौर करें तो आजादी के बाद से ही पूर्वांचल की राजनीति मुस्लिम, दलित और अति पिछड़ों के इर्दगिर्द घूमती रही है। नब्बे के दशक के पहले दलित और मुस्लिम कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता था लेकिन सपा और बसपा के उदय के बाद यह वर्ग इनके साथ खड़ा नजर आया। वही वर्ष 1991 के बाद यहां का मुस्लिम मतदाता उसके साथ खड़ा हुआ जो बीजेपी को हराता नजर आया। दलित पर बसपा और पिछड़ों पर सपा की हमेंशा मजबूत पकड़ रही।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से परिस्थितियां बदली हैं। अति दलित व अति पिछड़े यानि गैर यादव व गैर जाटव बीजेपी के साथ खड़े दिखे। जिससे इन दलों की परेशानी बढ़ी है। दोनों ही दल अपने वोट बैंक को सहेजने की पूरी कोशिश कर रहे है। वहीं कांग्रेस एक बार फिर दलितों और मुस्लिम मतदाताओं को पाले में कर अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश कर रही है।
हाल में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के बाद स्थितियां बदली है। मुस्लिम बीजेपी को हराने के बजाय स्वजातीय दल को प्राथमिकता दिये जिसका फायदा आवैसी को मिला और उनकी पार्टी पांच सीट जीतने में सफल रही। अब ओवैसी यूपी चुनाव लड़ने की घोषणा कर विपक्ष की पेशानी पर बल ला दिये हैं।
वहीं भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर भी यूपी चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए जमीन तैयार करने में जुटे है। 14 अगस्त को आजमगढ़ में हुई दलित प्रधान सत्यमेव जयते की हत्या के बाद वे स्वयं यहां आये और दलितों में यह मैसेज देने में सफल रहे कि वे उनके साथ हैं। पूर्व में भी भीम आर्मी यहां शक्ति प्रदर्शन कर चुकी है। आज हर गांव में भीम आर्मी का झंडा उठाने वाले नजर आने लगे हैं। इसका सीधा नुकसान बसपा को होता दिख रहा है।
BY Ran vijay singh
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