बता दें कि कारोना की दूसरी लहर ने जिले में भयावह रूप ले लिया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यहां अब तक 17739 लोग संक्रमित पाए गए है जिसमें से 202 लोगों की मौत हो चुकी है। मौत का सिलसिला अभी जारी है। बुधवार को मेडिकल कालेज में तीन मरीजों की मौत हुई। वैसे यह सरकारी आंकड़ा है। हकीकत में गांवों में कोरोना का भयावह रूप देखने को मिला जहां न तो जांच हो पाई और ना ही उपचार। सरकारी आंकड़े में भी जो 202 मौत बताई जा रही है इसमें भी तमाम लोग आक्सीजन की कमी से मरे है।
आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए शासन ने एक महीने पहले राजकीय मेडिकल कालेज में दो प्लाट लगाने का फैसला किया था। इसके बाद एक और प्लांट जिला अस्पताल को दिया गया। दावा किया गया कि 15 दिन में आक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा। लेकिन आजतक उत्पादन शुरू नहीं हुआ और ना ही अगले एक सप्ताह शुरू होने की उम्मीद है। वैसे आक्सीजन प्लांट का ढ़ाचा बनकर तैयार हो चुका है लेकिन सेड से लेकर अन्य काम अधूरे हैं। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविद दुबे भी यह बताने को तैयार नहीं हैं कि काम कब पूरा हो जाएगा। वैसे उन्होंने यह जरूर बताया कि जिस कंपनी को आक्सीजन प्लांट लगाना है वह जर्मनी और टर्की से रा-मैटेरियल मंगाती है। बंदी के कारण रा-मैटेरियल उपलब्ध होने में कठिनाई आ रही है।
जबकि सीएम के आगमन पर भी यह दावा किया गया था कि प्लांट मई के अंत तक शुरू हो जाएगा। जबकि अभी पाइप लाइन का काम भी अधूरा है। कार्यदायी संस्था के मुताबिक दोनों प्लांटों से अस्पताल में आक्सीजन उपलब्धता वाले स्थान की दूरी लगभग 70 से 75 मीटर है। इसलिए सड़क को खोदकर एक ही रास्ते से पाइपलाइन बिछाने की तैयारी हो रही है। आगे वाल्व के जरिए आवश्यकतानुसार जोड़ा जाएगा। खोदाई कब होगी इसका जवाब अधिकारी भी देने को तैयार नहीं हैं। कुछ ऐसा ही हाल जिला अस्पताल के आक्सीजन प्लांट की है। यहां भी फाउंडेशन आदि तैयार है लेकिन मशीन कब इस्टाल होगी। उत्पादन कब शुरू होगा यह किसी को नहीं पता है। इस मुद्दे पर न तो प्रार्चाय कुछ बोलने को तैयार हैं और ना ही एसआईसी। इनका बस इतना कहना है कि जल्द ही उत्पादन शुरू होगा काम चल रहा है।
BY Ran vijay singh