जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने बताया है कि फसल का अवशेष जलाने से न केवल धरती का तापमान बढ़ रहा है, बल्कि पर्यावरण दूषित होने के साथ-साथ पशुओं मे चारे की कमी एवं लाभदायक जीव-जन्तुओं के नष्ट हो जाने से मृदा उर्वरता भी दुष्प्रभावित हो रही है। शासनादेश के क्रम मे कृषि अपशिष्टों को जलाये जाने से रोकने हेतु कम्बाइन हार्वेस्टर मशीन स्ट्रा रीपर विद बाइंडर अनिवार्य रूप से उपयोग किया जाना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया है कि वर्तमान रबी में गेहूं की कटाई का कार्य प्रारम्भ हो चुका है, राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पारित विभिन्न आदेशों के अनुक्रम मे शासन द्वारा कम्बाइन हार्वेस्टर मशीन स्ट्रा रीपर विद बाइंडर अथवा स्ट्रा रीपर का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही बिना रीपर मशीन के प्रयोग करने वाले कम्बाइन मशीन मालिक के विरूद्ध सिविल दायित्व भी निर्धारित किये जाने का निर्देश दिया गया है।
कृषि अपशिष्टों को जलाने वाले दोषी व्यक्तियों को माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के क्रम मे पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति हेतु नियमानुसार दण्ड देना पड़ेगा जिसमे कृषि भूमि का क्षेत्रफल 2 एकड़ से कम होने की दशा मे रू0 2500 प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल दो एकड़ से अधिक किन्तु 5 एकड़ तक होने की दशा मे रूपया 5000 घटना तथा कृषि भूमि का क्षेत्रफल 5 एकड़ से अधिक होने की दशा मे रू0 15000 प्रति घटना देना होगा। िंजलाधिकारी ने निर्देश दिया कि इस सम्बन्ध में प्रत्येक स्तर से पर्याप्त प्रचार-प्रसार कराते हुए कम्बाइन मशीनों के साथ-साथ रीपर के प्रयोग की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए तथा कम्बाइन मालिकों के दायित्व निर्धारित कराते हुए आवश्यक कार्यवाही सिनश्चित की जाए।