रविवार को भी जनपद का तापमान 44 डिग्री के आसपास रहा। जून माह में तापमान 46 डिग्री को छू चुका है। इसके साथ ही आर्द्रता में अब इजाफा होने लगा है। इससे चिपचिपी गर्मी होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि आर्द्रता जैसे बढ़ेगी कूलर का असर भी कम होता जाएगा। उमस बढ़ने से दिनभर लोगों के पसीने छूटते रहे। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी इस मौसम में परेशान नजर आए।
गर्मी से बचने के लिए लोग 10 बजे के बाद घर से बाहर निकलने में परहेज कर रहे हैं। दोपहर में शहर की सड़कें सूनी हो जाती है। अधिक तापमान होने के कारण लोग घरों में दुबके रहने के लिए मजबूर हो गए है। घर से बाहर निकलने वाले लोग चिलचिलाती धूप से बचने के लिए आंखों पर चश्मा और मुंह पर गमछा लपेट कर चलने के लिए मजबूर है। चिलचिलाती धूप और लू से राहत पाने के लिए घर से बाहर निकले हुए लोगों को सत्तू का शर्बत, नीबू पानी और बेल के शर्बत का सहारा लेना पड़ जा रहा है। दो से तीन घंटे तक अघोषित कटौती हो जाने पर सबसे अधिक परेशानी बच्चों की बढ़ जाती है। उसके साथ ही लोगों के सामने पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। दिन की बिजली कटौती को तो लोग किसी प्रकार झेल लेते है लेकिन रात में होने वाली कटौती लोगों को बिजली आने तक जागने के लिए मजबूर कर देती है।