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योगी सरकार नहीं समझ रही मुलामय के संसदीय क्षेत्र का दर्द, बीएचयू तक भटक रहे लोग

locationआजमगढ़Published: Jun 26, 2018 04:42:17 pm

योगी सरकार नहीं समझ रही मुलामय के संसदीय क्षेत्र का दर्द, बीएचयू तक भटक रहे लोग

people are in trouble for treatment in mulayam singh area

योगी सरकार नहीं समझ रही मुलामय के संसदीय क्षेत्र का दर्द, बीएचयू तक भटक रहे लोग

आजमगढ़. स्वास्थ्य, शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताने वाली योगी सरकार कम से कम मुलायम सिंह के संसदीय क्षेत्र को लेकर गंभीर नहीं है। सीएम कहते हैं कि जिला उनकी प्राथमिकता में शामिल है, लेकिन यहां महीनों से रेडियोलाजिस्ट नहीं है। जिला ही क्यों मंडल के दो अन्य जिलों के रेडियोलाजिस्ट भी छुट्टी पर चले गए है, लेकिन सरकार ने मौन है। लोगों को एक्स-रे और सिटी स्कैन के लिए वाराणसी का चक्कर काटना पड़ रहा है। वहां भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है। यह हालत तब है जब विभाग ने रेडियोलाजिस्ट की तैनाती के लिए डीएम से लगायत सीएम तक को एक दर्जन पत्र लिख चुका है।
बता दें कि, आजमगढ़ जनपद की आबादी 50 लाख है। मंडल मुख्यालय होने के कारण यहां मऊ, बलिया से मरीज पहुंचते है। यही नहीं अंबेडकर नगर जिले के बड़ी संख्या में लोग यहां उपचार के लिए आते हैं। प्रतिदिन यहां इमरजेंसी और ओपीडी मिलाकर एक हजार से अधिक लोगों का उपचार होता है। आजमगढ़ से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव सांसद है। अस्पताल को पूरी तरह आनलाइन कर दिया है। पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री ने आजमगढ़ का दौरा किया तो अस्पताल की सुविधाओं में चार चांद लगाने का वादा किया लेकिन हकीकत में यहां हालात दिन प्रतिदिन बदतर होते जा रहे है।
पिछले साठ साल में यहां यूरो सर्जन, न्यूरो सर्जन सहित कुछ विशेषज्ञ के पदों पर आज तक तैनाती नहीं हुई। टेक्नीशियन के आभाव में करोड़ों की मशीने धूल फांक रही है।

वरिष्ठ परामर्शदाता रेडियोलॉजिस्ट डा.राजेन्द्र कुमार ठाकुर सिटी स्कैन और सोनोग्राफी मशीन का संचालन करने के साथ ही एक्सरे रिपोर्ट तैयार कर रहा थे लेकिन करीब एक माह हुए उसका स्थानान्तरण सीएम गृह क्षेत्र गोरखपुर कर दिया गया। जबकि वहां चार रेडियोलाजिस्ट पहले से थे। हालत यह है कि रोडियोलाजिस्ट के जाने के बाद सारी मशीनें ठप पड़ गयी है।
जिला अस्पताल होने के कारण यहां एक्सीडेंटल, मारपीट, पास्को एक्ट आदि मामलों में भी एक्सरे और सिटी स्कैन होता है। अब यह कार्य पूरी तरह ठप है। मरीज बाहर से सिटी स्कैन और एक्सरे करा रहे है। जबकि मेडिकल से संबंधित सारे मामले रेफर किये जा रहे हैं। लगतार बढ़ी भीड़ के कारण मऊ और बलिया के रेडियोलाजिस्ट भी छुट्टी लेकर फरार हो गये हैं। अब हालत यह है कि पूरे मंडल में कहीं जांच नहीं हो रही है लोग मजबूरी में वाराणसी जा रहे हैं। वहां भी लोगों को लाइन में लगना पड़ रहा है। सबसे अधिक दिक्कत महिला अपराध से जुडे मामलों में है। महिला कांस्टेबलों को पीड़ित को लेकर भटकना पड़ रहा है।
इस मामले में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एसके सिंह का कहना है कि हमने इस मामले में एडी स्वास्थ्य, मंडलायुक्त, डीएम, सीएमओ और शासन को पत्र लिखा है। मंडलायुक्त ने एडी स्वास्थ्य से बात कर समस्या के समाधान का प्रयास शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि मौखिक जानकारी मिली है कि बलिया में सीएमओ के अधीन दो रेडियोलाजिस्ट है। उन्हीं में से एक को आजमगढ़ स्थानान्तरित कर व्यवस्था को सुचारू बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यदि जल्द ही कोई व्यवस्था नहीं होती है तो शासन को रिमाइन्डर भेजा जाएगा।
input रणविजय सिंह

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