scriptसुषमा स्वराज के मदद से विदेश से लौटे जगदीश हुए भावुक, कहा देश ने खो दिया हमदर्द | people miss so much after sushma swaraj death | Patrika News

सुषमा स्वराज के मदद से विदेश से लौटे जगदीश हुए भावुक, कहा देश ने खो दिया हमदर्द

locationआजमगढ़Published: Aug 07, 2019 09:38:21 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

जगदीश और उनके पुत्र अशोक शर्मा काफी मर्माहत हैं

up news

सुषमा स्वराज के मदद से विदेश से लौटे जगदीश हुए भावुक, कहा देश ने खो दिया हमदर्द

आजमगढ़. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से जहां राजनीतिक जगत स्तब्ध है वहीं जनपद के जगदीश और उनके पुत्र अशोक शर्मा काफी मर्माहत हैं। कारण कि सुषमा ने विदेश मंत्री रहते सऊदी में एक्सीडेंट के मामले में बंद अशोक शर्मा को भारत लाने में काफी मदद की थी। बुधवार को इस बात को याद करते हुए अशोक शर्मा और उनके पिता जगदीश भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि देश ने ऐसा राजनेता खो दिया जो हर किसी के दर्द को अपना समझ काम करती थी।
सुषमा स्वराज के निधन से भावुक जगदीश ने बताया कि वर्ष 2010 में उनका बेटा अशोक सऊदी अरब गया, जहां वह चालक की नौकरी करने लगा। इसी बीच एक दिन उसकी गाड़ी से एक्सीडेंट हो गया। एक्सीडेंट के बाद पुलिस ने इनके बेटे को जेल भेज दिया। तब इनकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें।
उस समय उन्होंने गोरखपुर सांसद रहे योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। योगी जी ने इस संबंध में केंद्र से बात की। साथ ही उन्होंने डीएम को ज्ञापन सौंपा और अखबार में खबर भी छपवाई। इसके बाद वह विदेश मंत्रालय पहुंचे।
जहां उन्होंने राकेश मोहन नामक व्यक्ति को अपना पत्र दिया, उन्होंने उस पत्र को प्रमाणित किया। जब वह सफदरगंज में थे तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का फोन आया और उन्होंने आश्वासन दिया कि मेरा लड़का जल्द मेरे पास आएगा। उनके प्रयास से डेढ़ महीने बाद मेरा लड़का घर पहुंचा। आज वह हमारे बीच नहीं हैं यह सुनकर बहुत दुख हो रहा है। वहीं अशोक शर्मा ने बताया कि 2010 में यहां से सऊदी पहुंचने के बाद वह खलील नामक व्यक्ति की गाड़ी चलाने लगा। 2012 में उसकी गाड़ी से एक्सीडेंट हो गया। एक्सीडेंट के बाद पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया। एक हफ्ते बाद वह जेल से छूटा और इसके बाद अदालत का आना जाना शुरू हो गया।
इसके बाद कोर्ट ने फिर 17 महीने की सजा सुनाई। सजा के बाद जब जेल में पहुंचा तो वह मौजूद अधिकारी कहते थे चिंता मत करो जल्द ही घर जाओगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयास से मुझे अपने घर पहुंचने में काफी सहयोग मिला। उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया। उनके इस तरह से जाने का मुझे बहुत दुख है। उनकी यह कमी हमेशा खलेगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो