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एनजीटी के आदेश पर अवैध मकानों को गिराने की कार्रवाई के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग

locationआजमगढ़Published: Sep 26, 2019 05:34:39 pm

शहर में निकाला जुलूस सीएम को भेजा पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन।

Protest

प्रोटेस्ट

आजमगढ़. वनीकरण ग्रीन लैण्ड एनजीटी मुक्ति अभियान मोर्चा गुरूवार को अध्यक्ष रामविलास साहू के नेतृत्व में जिलामुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रशासन और विशेष रूप से आजमगढ़ विकास प्राधिकरण द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नाम पर आजमगढ़ शहर के वैभव तथा उसकी पहचान को समाप्त करने, गरीबों के आवास को उजाड़ने का आरोप लगाया गया। लोगों ने डीएम के माध्यम से सीएम को पांच सूत्रीय मांग का ज्ञापन भेज कार्रवाई तत्काल रोकने की मांग की।

रामविलास साहू ने कहा कि आजमगढ़ शहर 1665 में तत्कालीन राजा आजम पुत्र विक्रमजीत के द्वारा बसाया गया था जिसमें सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आजमगढ़ शहर तीन तरफ से तमसा नदी के तट पर बस हुआ है। इस प्रकार स्वाभाविक है कि आजमगढ़ शहर की जो भौगोलिक स्थिति है उसमें लाखो लोगों के मकान आवास तमसा नदी के तट पर या बीचों बीच से मापा जाए तो 75 मीटर के दायरे में आ जाएगा। इस प्रकार शहर की बहुत बड़ी आबादी प्रभावित होगी। आजमगढ़ शहर की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 110983 है। इतनी बड़ी आबादी जो 75 मीटर के दायरे में लायी जा रही है उससे पूरा शहर उजड़ जाएगा।

श्री साहू ने मांग किया कि आजमगढ़ नगर में बसे 70 प्रतिशत आबादी को वनीकरण, ग्रीन बेल्ट (एनजीटी) से मुक्त किया जाय, पुरानी जेल को पार्क बनाया जाय, आजमगढ़ विकास प्राधिकरण द्वारा किये जा रहे शोषण को बंद कराया जाय, मकानों को आवासीय घोषित कर उनका नक्शा पास किया जाय, बाढ़ खंड के फर्जी सीमांकन को तत्काल निरस्त कर आम जनमानस को राहत प्रदान किया जाय।

मोर्चा के संरक्षक व इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जमील आजमी ने कहा कि जनपद के 17 वार्ड को जो चिन्हित किया गया है वह एनजीटी के एक आदेश जिसका वाद संख्या 380/2018 है। जो मेरठ के किसी प्रकरण में दिया गया है। जिसका आजमगढ़ से कोई सम्बन्ध नहीं है। आजमगढ़ विकास प्राधिकरण गलत तरीके से एनजीटी का हवाला देकर ध्वस्तीकरण का कार्य करने जा रही है। श्री आजमी ने कहा कि एनजीटी के जिस आदेश पर आजमगढ़ प्रशाासन ध्वस्तीकरण करने का बात कर रहा है वह मात्र एक रिपोर्ट है, कोई एनजीटी का आदेश नहीं है।
जिला प्रशासन की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि उस रिपोर्ट पर जितने प्रभावित लोग है, उनसे आपत्ति मांगना चाहिए। आजमगढ़ के प्रशासन द्वारा ये जो 75 मीटर का फार्मूला लाया गया है वह न तो एनजीटी के प्राविधान में दिया गया है और न ही वेटलैंड तथा भारत सरकार द्वारा जारी भारत का राजपत्र (गजट) 18 जनवरी 2019 में दिया गया है। भारत सरकार के राजपत्र 18 जनवरी 2019 की धारा 10.2 स्पष्ट प्रावधान है कि 20 मीटर के अंतर्गत स्थानीय समुदायों के मौजूदा आवासीय स्थलों की मरम्मत या इनका पुनर्निर्माण किया जाए तथापि, इस क्षेत्र में किसी नए निर्माण की अनुमति नही होगी। ये भी प्राविधान उन नदियों के लिए है जिनका बहाव तथा कटान बहुत ज्यादा है जैसे घाघरा, यमुना एवं गंगा नदी। तमसा नदी जिसके तट पर आजमगढ़ शहर बसा हुआ है।

महामंत्री विजय गुप्ता ने कहा कि आजमगढ़ विकास प्राधिकरण आजमगढ़ द्वारा अपने पत्र 7 फरवरी 2019 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली में योजित वाद संख्या 380/2018 (पार्क एवेन्यू प्लाट होल्डर्स सोसाइटी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य) में पारित जिस आदेश का हवाला दिया गया है तथा उस आदेश की आड़ में आजमगढ़ शहर के 17 मुहल्लों को ध्वस्तीकरण की कार्यवाही हेतु चिन्हित किया गया है वह सरासर झूठ एवं कूटरचित है, हम लोग इसे मानने वाले नहीं है। अफाक करीम ने कहा कि आजमगढ़ शहर एक ऐतिहासिक शहर है जो 1665 से आबाद है, आजमगढ़ प्रशासन, आजमगढ़ नगर पालिका परिषद की ये नैतिक जिम्मेदारी होती है कि शहर के अंदर तथाकथित ग्रीनलैंड यदि है तो उसे आवासीय क्षेत्र घोषित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध करे क्योंकि ऐसा नही करने पर शहर की बड़ी आबादी के लिए आवासीय संकट पैदा हो जाएगा।

लियाकत अली ने कहाकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जो संविधान से चलता है लेकिन जिला प्रशासन बादशाहों की तरह बगैर किसी दलील या अपील और बिना सुनवाई के आवासों को ध्वस्तीकरण करने का घोर कार्य निंदनीय है। इस दौरान अभिषेक पांडेय, अनूप चैधरी, विनोद गुप्ता, नीरज सिंह, रूपेश विश्वकर्मा, मुन्नी लाल यादव, पियूष पाल, केदार निषाद, श्रीराम गुप्ता, छांगुर पांडेय, मो राजू, नबीउल्ला सिद्दीकी, सतिराम पाल, राजकुमार मौर्य, राजकुमार चैहान, योगेन्द्र, प्रमिला, आभा गुप्ता, छोटेलाल, अंगद गोंड, धर्मेन्द्र प्रजापति, प्रमोद कुमार, गोपाल श्रीवास्तव, वतन चैहान, प्रदीप प्रजापति, फूलादेवी, सतीश कन्नौजिया, संजीव मौर्या, राजेश विश्वकर्मा, डा ललित पाल, मो शाहिद, मो फजलुहिमाम, कृष्णा पांडेय, राकेश, राजकुमार सोनी, राकेश निषाद, रामअवध यादव, सादिया खातून, रूकसाना बानांे, इत्तूनिशां आदि मौजूद रहे।
By Ran Vijay Singh

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