गौर करें तो पिछले एक पखवारे में डीजल का मूल्य 73.12 रूपये से बढ़कर 82.62 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। वहीं पेट्रोल 89 रुपये लीटर बिक रहा है। डीजल का मूल्य बढ़ने का परिणाम है कि ट्रांसपोर्ट का खर्च काफी बढ़ गया है। वर्तमान में ज्यादातर सब्जियां बाहर से आ रही हैं। ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ने से सब्जियों के मूल्य में दो से तीन गुना की वृद्धि हुई है।
एक पखवारा पहले 28 से 30 रुपये प्रति किलो बिकने वाली प्याज आज 60 से 65 रुपये किलो बिक रही है। वहीं मिर्ची 20 रुपये प्रति किलों से 60 रुपये प्रति किलों हो गयी है। करैला 60, नेनुआ 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। अदरक 40 रुपये किलों से बढ़कर 60 से 70 रुपये किलो बिक रही है। लहसुन 80 से सीधे 140 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। प्याज, अदरक, हरी मिर्च, लहसून आज किचन की प्रतिदिन की जरूरत बन चुका है। इनकी लगातार बढ़ रही कीमतों ने किचन का बजट बिगाड़कर रख दिया है।
खास बात है कि जो उत्पाद स्थानीय किसानों के हैं उनकी बाजार में कोई पूछ नहीं मसलन आलू 8 से 10 रुपये प्रति किलो, टमाटर 10 रुपये किलों बिक रहा है। महंगाई को लेकर लोगों में गुस्सा भी है। गृहणी उमा जायसवाल, योगिता अग्रवाल, सीमा यादव आदि का कहना है कि आम आदमी की आमदनी पिछले एक साल में घटी है जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है। सब्जी खरीदना आम आदमी के लिए मुश्किल हो गया है। महंगाई रोकने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। सब्जी की खेती करने वाले अवधेश मौर्य, राम कुमार मौर्य, सियाराम मौर्य आदि का कहना है कि जब किसानों का उत्पाद तैयार हो जाता है तो सब्जियों का रेट गिरा दिया जाता है लेकिन जैसे ही बाहर से सब्जी आती है दाम आसमान छूने लगता है। डीजल की कीमत बढ़नेे के साथ यह समस्या और बढ़ रही है।
सब्जियों का फुटकर रेट–
सब्जी-आज का रेट-15 दिन पूर्व
टमाटर – 60 रुपये- 30 रुपये प्रति किलो।
हरी मिर्च- 60 रुपये – 20 रुपये प्रति किलो।
करैला- 60 रुपये- 35 रुपये प्रति किलो।
नेनुआ- 60 रुपये- 40 रुपये प्रति किलो।
अदरक- 70 रुपये-40 रुपये प्रति किलो।
लहसुन- 140 रुपये-80 रुपये प्रति किलो।
टमाटर-10 रुपये-20 रुपये प्रति किलो।
आलू- 08 रुपये-15 रुपये प्रति किलो।
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BY- Ran Vijay Singh