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धीमी पड़ी प्रधानमंत्री सिंचाई योजना की प्रगति, डीएम ने अधिकारियों को चेताया

locationआजमगढ़Published: Nov 17, 2018 10:15:10 am

विभागों की समीक्षा बैठक के बाद डीएम ने जताई नाराजगी।

DM Meeting

डीएम की बैठक

आजमगढ़. जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने कलेक्ट्रेट में कृषि एवं सम्वर्गीय विभागों (यथा उद्यान, पशुपालन, गन्ना, मत्स्य, सिंचाई विभाग) के अधिकारियों के साथ उनके विभागों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सहित कई योजनाओं में प्रगति धीमी पाये जाने पर डीएम ने नाराजगी जताई और नवंबर माह में तेजी लाने का निर्देश दिया।
समीक्षा बैठक में पाया गया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 में कृषि, उद्यान, गन्ना, पशुपालन, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को सम्मिलित करते हुए कुल 202.04 लाख रुपए प्राप्त धनराशि के सापेक्ष माह अक्टूबर 2018 तक कुल 81.59 लाख रुपये व्यय किया गया है। गन्ना, मत्स्य एवं सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा प्राप्त धनराशि के सापेक्ष शून्य व्यय पाया गया, जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्राप्त धनराशि के सापेक्ष कार्य योजना के अनुसार माह नवंबर 2018 तक शत प्रतिशत व्यय सुनिश्चित करें।
कृषि, उद्यान एवं पशुपालन विभाग द्वारा आवंटित धनराशि के सापेक्ष क्रमश प्रतिशत 70.96, 30.26 एवं 32.47 प्रतिशत की धनराशि व्यय किया जाना पाया गया। 13वीं पंचवर्षीय योजना हेतु जिला कृषि योजना (सीडैप) तैयार किए जाने की प्रगति की समीक्षा जिलाधिकारी द्वारा किया गया। जिला कृषि योजना तैयार किए जाने हेतु नामित संस्था कृषि उत्पादकता परिषद, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. आरपी सिंह द्वारा बताया गया कि जनपद आजमगढ़ हेतु 2017 से 2022 तक की जिला कृषि योजना की तैयारी अंतिम चरण में है। जनपद की आवश्यकताओं के अनुरूप टेंप्लेट एवं प्रारूप पर संबंधित विभाग द्वारा प्रस्ताव प्राप्त हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा 24.26 करोड़, उद्यान विभाग द्वारा 4.08 करोड़, गन्ना विभाग द्वारा 3.09 करोड़, पशुपालन विभाग द्वारा 3.08 करोड़, दुग्ध विकास हेतु 42 लाख, मत्स्य उत्पादन हेतु 2.58 करोड़ तथा रेशम उत्पादन हेतु रू0 24 लाख का प्रावधान करते हुए जनपद हेतु 05 वर्षों की कुल 37.77 करोड़ रुपए का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है। संबंधित विभागों को कार्ययोजना की एक प्रति उपलब्ध करा दी गई है, इसमें संबंधित विभाग को यदि कोई संशोधन करना है तो संशोधित करके प्रस्ताव तीन दिवस के अंदर उप कृषि निदेशक कार्यालय को उपलब्ध करा दें। जिससे संशोधित प्रस्ताव को तदनुसार सम्म्मिलित करते हुए कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा सके।
जिलाधिकारी द्वारा सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों व एनपीसी के निदेशक को निर्देशित किया कि योजना में जनपद की आवश्यकता के अनुसार फसल सिंचन क्षमता में वृद्धि करने के उपकरण यथा, स्प्रिंकलर सेट, ड्रिप इरिगेशन तथा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं को समावेश किया जाए। जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि कार्य योजना में जो संशोधन किए जाने हैं, संबंधित अधिकारी तीन दिवस के अंदर संशोधित कार्य योजना उप कृषि निदेशक को उपलब्ध करा दें।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की समीक्षा में पाया गया कि कि परती भूमि विकास एवं जल संसाधन विभाग को 1.47 करोड़ रुपए तथा उद्यान विभाग को 30.6 लाख रुपए प्राप्त हुए हैं, जिसके सापेक्ष भूमि विकास एवं जल संसाधन विभाग की वित्तीय प्रगति शून्य पाई गई, जबकि उद्यान विभाग द्वारा मात्र 22.5 लाख रुपए व्यय किया जाना पाया गया। जिलाधिकारी द्वारा कम व्यय पर नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि नियमानुसार माह नवंबर 2018 में व्यय सुनिश्चित करें।
भूमि एवं जल संसाधन विभाग द्वारा अब तक कराए गए कार्यों की जांच हेतु अवर अभियंता भूमि एवं जल संसाधन विभाग को अभिलेख उपलब्ध कराए जाने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया। राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन योजना में विभिन्न घटकों के वित्तीय प्रगति समीक्षा में पाया गया कि वित्तीय वर्ष में आवंटित कुल 3.72 करोड़ रुपए के सापेक्ष 2.13 करोड़ रुपए की धनराशि चावल, गेहूं, दलहन, अतिरिक्त दलहन तथा तिलहन के अंतर्गत विभिन्न कार्य मदों में व्यय की गई है, जो आवंटित धनराशि का 58 प्रतिशत है।
उप कृषि निदेशक डॉ. आरके मौर्य द्वारा बताया गया कि शेष धनराशि रबी की फसल में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों मे व्यय होनी है। राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन योजना के अंतर्गत विकासखंड ठेकमा के मुस्तफाबाद में सामुदायिक गोदाम निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच हेतु तकनीकी अधिकारियों को टीम गठित कर समय समय से जांच कराए जाने का निर्देश दिया। इसी प्रकार विकासखंड हरैया में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्मित किसान कल्याण केंद्र की भी जांच तकनीकी अधिकारियों की समिति गठित कर गुणवत्ता की जांच कराए जाने का निर्देश दिया। समीक्षा बैठक में प्रसार सुधार योजना अंतर्गत संपादित विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि खरीफ फसल में जो कार्य कराए जाने हेतु अवशेष रह गए हैं, उन्हें प्रत्येक दशा में रबी में पूर्ण करा लिया जाए। जिन किसानों द्वारा कृषि यंत्र क्रय कर बिल अपलोड किए जा रहे हैं, उनका समय सीमा के अंतर्गत शत प्रतिशत सत्यापन कर अनुदान भुगतान की कार्यवाही की जाय। उन्होने लघु सिंचाई के अवर अभियन्ता को निर्देशित करते हुए कहा कि छोटे किसानों को फ्री बोरिंग जो की गयी है, उसकी प्रगति रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत जिला उद्यान अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद के किसानो को स्प्रिंकलर से सिंचाई करने हेतु प्र्रोत्साहित करें तथा इसका प्रचार प्रसार बड़े पैमाने पर कराना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कमलेश कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार गुप्ता, भूमि संरक्षण अधिकारी संगम सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ वीके सिंह, जिला उद्यान अधिकारी बीके वर्मा, कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के वैज्ञानिक डॉक्टर आरपी सिंह सहित नहर, नलकूप, सिंचाई, सहकारिता, मत्स्य, दुग्ध तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
By Ran Vijay Singh

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