बता दें कि निजामाबाद में ब्लैक पाटरी कला का उद्भव हुमायूं के समय हुआ था। एक दौर था जब पाटरी की तूती पूरी दुनिया में बोलती थी। विदेशी सैलानी इस कला को सीखने के लिए आते थे। निजामाबाद के दो दर्जन से अधिक कुम्हार अपनी कला के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार सहित अन्य कई पुरस्कार हासिल किए लेकिन सरकार की उपेक्षा के चलते यह कारोबार धीरे-धीर अपने अस्तित्व को खोने लगा था। कुम्हार रोजी रोटी के लिए महानगरों में पलायन कर रहे थे। इसी बीच वर्ष 2017 में यूपी में सीएम योगी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी बनी तो इसे एक जनपद एक उत्पाद योजना में शामिल किया गया। इसके बाद यहां के कुम्हारों के एक बार फिर अच्छे दिन आ गये।
देश में आयोजित कई मेलों व प्रदशर्नी में यहां के कुम्महारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिला। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 की बैठक में शामिल अपने सहयोगी देशों के प्रधानमंत्रियों के लिए गिफ्ट लेकर गए तो एक गिफ्ट उसमें पाटरी उत्पाद भी था जिसे निजामाबाद कस्बे के हुसैनाबाद मोहल्ला निवासी हस्तशिल्प कलाकारों ने तैयार किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे जापान के प्रधानमंत्री को भेंट किया।
हस्तशिल्प कलाकार राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सोहित कुमार प्रजापति ने बताया कि बड़ी मशक्कत और मेहनत करके उन्होंने ब्लैक पाटरी पार्ट डिजाइन तैयार किया। इसमें लगभग 100 ग्राम चांदी के वर्क से नक्काशी कर उसे प्रधानमंत्री को बतौर गिफ्ट के रूप में दिया। आज जापानी प्रधानमंत्री के हाथों में उसे देखकर बहुत खुशी हुई। सरकार जिस तरह का प्रयास पाटरी को लेकर कर रही है उससे आने वाले दिनों में इसकी एक अलग पहचान होगी।