बता दें कि जिया मूलरूप से आजमगढ़ जिले के जीयनपुर के कटाई अलीमुद्दीनपुर गांव की रहने वाली है। जिया के पिता नेवी में कार्यरत हैं। उनका पूरा परिवार मुंबई रहता है। जिया भी माता पिता के साथ रहती है। जिया बचपन से आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसआर्डर से पीड़ित है। राष्ट्रीय तैराकी में तीन वर्ष लगातार प्रथम स्थान बनाने वाली भारत की पहली दिव्यांग महिला तैराक हैं। उसने पहला विश्व रिकार्ड 14 फरवरी 2020 को महाराष्ट्र के एलिफेंटा से गेटवे ऑफ इंडिया तक 14 किलोमीटर की दूरी 3 घंटा 27 मिनट में तैरकर बनाया। दूसरा विश्व रिकार्ड अर्नाला का किला से वसई का किला के बीच अरब सागर में 22 किमी की दूरी 7 घंटा 4 मिनट में पूरी करके बनाया। तीसरा विश्व रिकार्ड मुंबई में वर्ली सी लिंक से गेटवे ऑफ इंडिया तक 36 किमी की दूरी 8 घंटा 40 मिनट में तैरकर बनाया है।
इसके अलावा 2020 में राष्ट्रीय पैरा तैराकी प्रतियोगिता में 200 मीटर फ्री स्टाइल में राष्ट्रीय रिकार्ड के साथ 100 मीटर बैकस्ट्रोक, 100 मीटर बटरफ्लाई में भी गोल्ड जीत चुकी है। पीएम मोदी ने मन की बात रेडियो कार्यक्रम में भी उनकी उपलब्धियों का जिक्र कर चुके हैैं। जिया काफी प्रतिभाशाली है और उनके द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन को देखते हुए यह माना जा रहा है कि वह कई और रिकार्ड अपने नाम करेंगी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिया को राष्ट्रीय बाल खेल पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। जिया का चयन पुरस्कार के लिए होने से परिवार के लोग काफी खुश है। वहीं गांव के लोग इस होनहार बच्ची को लगातार बधाई दे रहे है।
जिया के दादा सुभाष राय व चाचा विपिन राय का कहना है कि यह उनके परिवार ही नहीं बल्कि पूरे जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। बचपन में जब उन्हें जिया की बीमारी के बारे में पता चला था तो वे उसके भविष्य को लेकर डर गए थे लेकिन जिया ने जिस तरह से साहस का परिचय दिया और एक के बाद एक कर बड़ी उपलब्धि हासिल की वह समाज के लिए एक नजीर है। जिया की बुआ साधना का कहना है कि जिया की उपलब्धि से हम सभी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।