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मोदी ने चला यह दाव तो मुलायम के गढ़ में टूट जाएगा सपा का वर्चश्व

locationआजमगढ़Published: Jul 06, 2018 03:54:58 pm

मोदी ने चला यह दाव तो मुलायम के गढ़ में टूट जाएगा सपा का वर्चश्व

आजमगढ़. यूपी में लोकसभा की तीन और विधानसभा की एक सीट के लिए हुए उप चुनाव में करारी हार के बाद विपक्ष की चौतरफा घेरेबंदी से परेशान बीजेपी ने अब सपा संरक्षण मुलामय सिंह यादव की धड़कन पर वार करने का फैसला किया है। यही वजह है कि केंद्र की सत्ता में आने के बाद पहली बार आजमगढ़ दौरे पर आ रहे पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2019 का आगाज यहीं से करने का फैसला किया है। पार्टी सूत्रों की मानें पीएम आजमगढ़ ऐसी योजनाओं को लेकर यहां आ रहे है जो सपा के मसूंबों पर पानी फेर सकती है।
वहीं राजनीति के जानकार मानते हैं कि यह बीजेपी और पीएम मोदी के लिए आसान नहीं है लेकिन अब वे इस खास योजनाओं पर ध्यान और आजमगढ़ के लोगों द्वारा वर्षो से की जा रही मांग को पूरा कर दे ंतो निश्चित तौर पा सपा बसपा के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।
पीएम का दौरा 14 जुलाई को प्रस्तावित है। कार्यक्रम की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। रैली पर करीब दस करोड़ रूपये खर्च होने की संभावना है। बीजेपी के लोगों का दावा है कि एक लाख से अधिक लोग यहां पहुंचेगे।
बता दें कि मुलायम सिंह यादव हमेशा से यह कहते रहे हैं कि इटावा अगर दिल है तो आजमगढ़ धड़कन। वहीं सपाइयों का हमेशा से दावा रहा है कि आजमगढ़ के विकास की हर ईट पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव व मुखिया अखिलेश यादव का नाम लिखा है। यह अलग बात है कि सपा सरकार की तमाम योजनाएं आज तक पूरी नहीं हुई। उसमें कई मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल की है। मुलायम सिंह यादव ने सांसद बनने के बाद से लगातार आजमगढ़ की अनदेखी की। मोदी और बीजेपी के लोग इसका पूरा फायदा उठाना चाहते हैं। यहीं वजह है कि कुछ खास योजनाओं के जरिये पीएम जहां यहां के लोगों के दिलों में उतरना चाहते हैं वहीं मुलायम सिंह यादव का वर्चश्व तोड़ना चाहते हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन सी योजनाएं है जिसके जरिये पीएम इस जिले में सपा का वर्चश्व तोड़ना चाहते हैं।
14 जुलाई को आ सकते हैं मोदी

पीएम मोदी का कार्यक्रम 14 जुलाई को आजमगढ़ में प्रस्तावित है। वे आजमगढ़ के मंदुरी हवाई पट्टी पर सभा कर सकते हैं। रैली की तैयारियां जोरशोर से चल रही थी। भाजपा के बड़े नेता और यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अवनीश कुमार अवस्थी लगातार तैयारियों पर नजर गड़ाए हुए है। वहीं डीएम एसपी समेत तमाम अफसर रैली की तैयारी में लगे है। एक को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष यहां आ रहे हैं और माना जा रहा है कि इसके बाद खुद सीएम तैयारियों का जायजा लेने पहुंचेगे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में प्रचंड गर्मी से लोगों को बचाने के लिए जर्मन हैंगर पंडाल लगाने का फैसला लिया गया है। यह पूरी तरह से वाटर और फायरप्रूफ रहेगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

अपने अंतिम वजट में पूर्व सीएम अखिलेश ने चुनावी लाभ के लिए लखनऊ से बलिया तक समाजवादी एक्सप्रेस वे निमार्ण की घोषणा की थी लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ी। जबकि यातायात व्यवस्था को लेकर आम आदमी को इस एक्सप्रेस-वे से काफी उम्मीद थी। यूपी की सत्ता में आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका नाम बदलकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे किया और बजट में एक हजार करोड़ रूपये भी दिये है। इसके निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य लगभग अंतिम चरण में हैं। पीएम मोदी इसका शिलान्यास सभा के दौरान करेंगे। यह सड़क आजमगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह योजना आजमगढ़ ही नहीं आस पास के जिले के लोगों को भी प्रभावित करेगी।
वाराणसी गोरखपुर रेलवे लाइन

प्रधानमंत्री वाराणसी-लालगंज वाया आजमगढ़ होते हुए गोरखपुर तक नई रेल लाइन का शिलान्यास कर सकते हैं। आजमगढ़ के 50 लाख आबादी के लिए यह काफी महत्वाकांक्षी योजना है जिसकी मांग आजादी के बाद से चल रही है। वर्ष 1973 में रेल लाइन के लिए कांग्रेस सरकार ने सर्वे तो कराया लेकिन निर्माण के लिए बजट नहीं दिया। वर्ष 2014 में बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाया और लालगंज सीट आजादी के बाद पहली बार जीतने में सफल रही। माना जा रहा है कि पीएम इस रेलवे लाइन का शिलान्यास करेंगे। कारण कि इसके लिए सर्वे का कार्य हाल में पूरा हो चुका है।
हवाई अड्डा

जिले के मंदूरी में हवाई पट्टी का निर्माण वर्ष 2007 में शुरू हुआ और 2013 में पूरा हुआ। उसी समय से यह मांग चल रही है कि इसे एअरपोर्ट के रूप में विकसित किया जाय। कारण कि यहां के लोगों को हवाई यात्रा के लिए लखनऊ या वाराणसी जाना पड़ता है। वर्ष 2017 में बीजेपी सत्ता में आई तो सरकार ने इस मांग को माना और इसे हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू की। अब पीएम मोदी इसका शिलान्यास करेंगे। माना जा रहा है कि अगले दो से तीन महीने में रनवे बढ़ा कर हवाई यात्रा शुरू कर दी जाएगी।
रेलवे लाइन दोहरीकरण

आजमगढ़ रेलवे स्टेशन की स्थापना वर्ष 1896 में हुई और इसे छोटी लाइन से बड़ी लाइन बनने में सौ साल लग गये। वर्ष 1996 में इसे बड़ी लाइन में तब्दील किया गया लेकिन छपरा से शाहगंज के बीच रेलवे लाइन का दाहरीकरण आजतक नहीं हो सका। जिसके कारण ट्रेने हमेशा आठ से दस घंटे लेट रहती हैं। पिछले दिनों इसका भी सर्वे हुआ लेकिन दोहरीकरण के लिए बजट नहीं मिला। बीजेपी सूत्रों की माने तो पीएम दोहरीकरण के कार्य की भी घोषणा कर सकते हैं।
क्या होगा असर

आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव हैं। ऐ ऐसी योजनाएं है जो आजमगढ़ के लोगों का सपना रही हैं। इसके लिए यहां के लोगों ने लंबे समय तक संघर्ष किया। यदि पीएम इन योजनाओं का शिलान्या करते हैं तो निश्चित तौर पर जनता का विश्वास पीएम और उनकी सरकार के प्रति बढ़ेगा। साथ ही जिन कामों के लेकर सपा के लोग बड़े-बड़े दावे करते हैं वे कार्य इन योजनाओं के पीछे दब जाएंगे। चुनाव में बीजेपी को इसका सीधा फायदा मिलेगा। कारण कि कम से कम लालगंज के लोग जो रेल ही नहीं एक अदद बस स्टेशन के लिए भी आज तक तरस रहे हैं वे मोदी सरकार के मुरीद हो सकते हैं।
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