बता दें कि आजमगढ़ संसदीय सीट से गठबंन से पूर्व सीएम अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं भाजपा ने भोजपुरी सिनेस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतार है। जातिगत समीकरण को देखते हुए इस सीट पर कड़ी लड़ाई के आसार व्यक्त किये जा रहे हैं। वहीं यह सीट पक्ष और विपक्ष दोनों की प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई है। इस सीट से वर्तमान में मुलायम सिंह यादव सांसद है। यह सीट उन्होंने तब जीती थी जब 2014 में विपक्ष पूर्वांचल में पूरी तरह साफ हो गया था। ऐसे में अखिलेश के सामने मुलायम की विरासत को बचाने की चुनौती है। वहीं सीएम योगी की जिद के चलते बीजेपी ने बाहुबली रमाकांत यादव का टिकट काटकर दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारा है। योगी लगातार आजमगढ़ सीट को लगातार जीतने का दावा कर रहे है। चूंकि पार्टी के मंशा के विपरीत उनके खास को टिकट मिला है इसलिए यह सीट सीएम की भी प्रतिष्ठा से जुड़ गयी है।
आजमगढ़ प्रत्याशी को छोड़ दिया जाय तो पक्ष हो या विपक्ष किसी का बड़ा नेता चुनाव प्रचार में नहीं उतारा है। सूत्रों की माने तो संभल में चुनाव समाप्त होने के बाद अब धर्मेंद्र यादव 26 या 27 में आजमगढ़ पहुंचकर अखिलेश यादव के चुनाव की कमान संभालेंगे। वहीं बीजेपी के तरफ से सीएम योगी 25 अप्रैल को मेहनगर विधानसभा क्षेत्र के खरिहानी बाजार स्थित हाइडिल मैदान में पहली सभा करने जा रहे है। इस सभा के जरिये भाजपा विपक्ष के साथ मतदाताओं को भी यह संदेश देने का प्रयास करेगी कि वह काफी मजबूती से लड़ रही है। सीएम योगी आजमगढ़ संसदीय सीट के सभी पांच विधानसभाओं में आने वाले दिनों में सभा करेंगे। इसके अलावा मंत्रियों की फौज भी चुनाव प्रचार में उतरेगी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजमगढ़ व लालगंज संसदीय क्षेत्र में एक एक रैली कर सकते है ।
BY- RANVIJAY SINGH