यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के सातवें चरण की सरगर्मी चरण पर है। अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों को फांसी की सजा के बाद यहां चुनाव मेें एक बार फिर आतंकवाद मुद्दा बन गया है। कारण कि आजमगढ़ जिले के छह आंतकी इसमें शामिल है जो विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के रहने वाले है। अभी राजनीतिक दल इस मुद्दे को भुनाने में जुटे थे कि अब जहरीली शराब कांड भी चुनाव में मुद्दा बनता दिख रहा है।
बता दें कि फूलपुर पवई विधानसभा क्षेत्र के माहुल कस्बे में रविवार को कुछ लोगों ने ठेके से देशी शराब खरीदकर पीए थे। इसके बाद मौत का सिलसिल शुरू हुआ अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। 45 लोगों का उपचार चल रहा है। इस मामले में सपा प्रत्याशी पूर्व सांसद रमाकांत यादव के करीबी रंगेश यादव का नाम सामने आया है। कारण कि लोगों ने शराब उसी के ठेके से खरीदी थी।
अब इस शराब कांड को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। कारण कि पवई क्षेत्र पंचायत चुनाव के दौरान भी जहरीली शराब कांड हुआ था। लोगों का मानना है कि चुनावी लाभ के लिए जिले में अवैध शराब लाई गयी है। अब विरोधी दल माहुल कांड को बड़ा मुद्दा बना रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता असहज दिख रहे है। क्षेत्र के लोगों में आक्रोश भी साफ दिख रहा है। लोग मौत के खेल के जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
क्षेत्र के रामजीत सिंह, प्रमोद सिंह, फेरई यादव, राममूरत राजभर आदि का कहना है कि आखिर चुनाव के समय ही इस तरह की वारदात क्योें होती है। यह शराब कहा से आती है जिसे पीकर लोगों की जिंदगी तबाह हो जाती है। पुुलिस इसे क्योें नहीं रोक पाती। इनका मामना है कि चुनाव में शराब के खेल पर रोक लगनी चाहिए।