बता दें कि रानी की सराय थाना क्षेत्र के अंधौरी में शुक्रवार की सुबह बदमाशों ने सपा नेता शातिर अपराधी मुनीब यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में मुनीब के बड़े भाई ने सपा के पूर्व प्रमुख इसरार अहमद को नामजद व तीन अज्ञात बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी थी। पुलिस ने शुक्रवार को ही हत्यारोपी पूर्व प्रमुख को हिरासत में ले लिया था। शनिवार को पुलिस रानी की सराय थाने से इसरार को लेकर कोर्ट के लिए रवाना हुई। पर कोर्ट ले जाने के लिये पुलिस ने हत्यारोपी सपा नेता को जो वीआईपी ट्रीटमेंट दिया वह देखने के लायक था।
हत्यारोपी पहले तो पुलिस की जीप में नहीं बैठा। उसे कोर्ट लाने के लिए उसकी लग्जरी कार मंगाई गई जिसपर सपा का झंडा लगा हुआ था। हत्यारोपी अपनी कार में बैठा तो थानाध्यक्ष, एसआई और कई सिपाही भी उसमें सवार हो गये। इस दौरान हत्यारोपी मोबाइल पर व्यस्त नजर आया। कोर्ट पहुंचने के बाद ऐसा लगा कि कोई वीआईपी किसी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहा है। कार से उतरने के बाद हाथ में मोबाइल लिए ही वह कोर्ट के बाहर तक गया जहां उसे बाकायदा नाश्ता पानी भी कराया गया। फिर कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस का यह वीआईपी ट्रीटमेंट देख बस यही चर्चा रही कि यूपी में सत्ता भले ही भाजपा की हो लेकिन सिक्का आज भी साइकिल का चल रहा है। पुलिस की चाभी आज भी अखिलेश के ही पास है।
इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि हत्यारोपी राजनीतिक दल से जुड़ा है। उसकी गिरफ्तारी के बाद हंगामे का आसार था। इसलिए पूरी रणनीति के तहत काम किया गया है। आवभगत के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह किन परिस्थितियों में हुआ है इसकी जांच की जाएगी।
By Ran Vijay Singh