अपर जिलाधिकारी प्रशासन अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि मतदान दल के सदस्यों से परिचित हो जाएं। प्रशिक्षण में मिले निर्देशों की प्रति लेकर भली-भांति अध्ययन कर लें। एक साथ मिलकर मतदेय स्थल के लिए प्रस्थान करें। प्रस्थान करने से पूर्व नियत काउंटर से सभी आवश्यक सामग्री प्राप्त कर लें।
डीडीओ रवि शंकर राय ने मतदाता द्वारा वोट देने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण में सहायक नोडल अधिकारी इंजीनियर कुलभूषण सिंह ने संपूर्ण मतदान प्रक्रिया का विस्तार से प्रशिक्षण दिया। मतदान के एक दिन पूर्व प्रस्थान स्थल से मतदान सामग्री प्राप्त करना, जिसमें यह जांच कर लें कि मतपेटी ठीक है, मतदाता सूची (चिह्नित प्रतियां) की सभी प्रविष्टियां सही हैं और उसी बूथ की हैं, मतपत्रों की भी जांच अवश्य कर लें।
इस दौरान मतदान अधिकारियों के कार्य विभाजन के बारे में भी बताया गया। प्रथम मतदान अधिकारी मतदाता सूची के चिह्नित व्यक्ति का प्रभारी होगा एवं निर्वाचकों के पहचान का जिम्मेदार होगा। द्वितीय मतदान अधिकारी मतपत्रों का प्रभारी होगा। तृतीय मतदान अधिकारी मतपेटी एवं मतपत्रों को चिन्हित करने वाली वस्तु का प्रभारी होगा। यह भी बताया गया कि मतदान प्रारम्भ से ठीक पहले पीठासीन अधिकारी मतदान अभिकर्ताओं एवं वहां उपस्थित सदस्यों (व्यक्तियों) को यह दिखाएगा कि मतदान के दौरान प्रयोग होने वाली मतपेटिका खाली है।
पोलिग पार्टियों को टेण्डर वोट, चौलेंज वोट, मतपत्र लेखा एवं पीठासीन डायरी आदि के बारे में भी बताया गया। लिफाफों की सीलिग पैकिग, सांविधिक एवं असांविधिक लिफाफों के पैकेट बनाने के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण के बाद जिला विकास अधिकारी ने उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों से प्रश्न भी पूछा।