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कोरोना पर भारी पड़ी बिजली की महामारी, प्रशासन के खिलाफ दर्जनों जगह सड़क पर उतरे लोग

locationआजमगढ़Published: Oct 06, 2020 07:47:16 pm

शहर में आधा दर्जन स्थानों पर सड़क जाम कर लोगों ने किया प्रदर्शन
बिलरियागंज में बिजली कर्मचारी की पिटाई के बाद गरम हुआ माहौल

azamgarh news

सड़क जाम कर प्रदर्शन करते लोग

आजमगढ़. निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से मंगलवार को अफरातफरी का माहौल दिखा। पिछले 36 घंटे से पूरे जिले में बिजली आपूर्ति ठप होने से परेशान लोग सड़क पर उतर गए। शहर से लेकर गांव तक जगह-जगह लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। इस दौरान बिजली विभाग और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी। बिजली आपूर्ति शुरू न होने पर लोगों ने प्रशासनिक कार्यालयों में ताला जड़ने और अधिकारियों के आवास व कार्यालय की भी बिजली काटने की चेतावनी दी।


बता दें कि निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी पिछले 36 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन सोमवार को वे अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए। हड़ताल पर जाने के साथ ही कर्मचारियों ने पूरे जिले की बिजली आपूर्ति ठप कर दी। बस अधिकारियों के आवास और कार्यालय क्षेत्र में आपूर्ति बहाल रखा। चुंकि कर्मचारियों ने पूरे प्लान के साथ बिजली व्यवस्था को ध्वस्त किया था इसलिए जिला प्रशासन चाहकर भी कुछ नहीं कर पाया। परिणाम रहा कि पानी के लिए शहर में त्राहि-त्राहि मच गयी।

पानी की समस्या और उमस से जूझ रहे लोगों के सब्र का बांध मंगलवार की सुबह सुबह टूट गया और नगर के सिधारी, एटलस टैंक, ब्रम्हस्थान, बलरापुर, अराजीबाग, छतवारा, पुरानी कोतवाली आदि स्थानों पर लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। जाम के कारण दोपहर दो बजे तक शहर के प्रमुख मार्ग, शहर के सभी बाइपास मार्गो पर भीषण जाम लगा रहा। प्रशासन शाम तक लोगों से आपूर्ति बहाल का आश्वासन दिया लेकिन शाम तक बिजली गुल ही रही। एक समय ऐसा भी आया कि जिला प्रशासन द्वारा बनाये गये कंट्रोल रूम का फोन भी बंद हो गया। यही नहीं प्रशासन के करीब डेढ़ हजार आउट सोर्सिंग के कर्मचारी कहां चले गये पता ही नहीं चल सका।

ग्रामीण इलाकों की बात करें तो सबसे पहले खबर बिलरियागंज से आयी जहां बिजली आपूर्ति ठप होने से बेहाल लोगों ने एक बिजली कर्मचारी की पिटाई कर दी। साथ ही ग्रामीणों इलाकों में कई स्थानों पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया लेकिन कहीं पर भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। आपूर्ति बहाल न होने से संचार व्यवस्थाओं पर भी असर पड़ा। सबसे बुरा हाल बीएसएनएल और जीओ का रहा। जहां केवल बिजली के सहारे ही टावर संचालित हो रहे है। तमाम लोगों के इनवर्टर भी बैठ गये। मोबाइलें बंद हो गयी। लोगों के टंकी का पानी समाप्त हो गया। एटीएम भी बिजली के बिना बंद हो गये।

कई स्थानो पर लोगों ने जनरेटर का सहारा लिया। शहर में हालत यह हो गई कि जनरेटर किराये पर भी नहीं मिल रहे है। सब के सब जनरेट बुक हो चुके है। जिला प्रशासन की बात करें तो सुबह ही जिलाधिकारी कार्यालय खुलने पर महिलाएं चूड़िया, बर्तन, मग लेकर धरने पर बैठ गयी। अधिकारियों के पास आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं था। प्रशासन रविवार से आपूर्ति बहाल की रणनीति तैयार कर बैठक पर बैठक करता रहा लेकिन आपूर्ति को मंगलवार तक बहाल नहीं हो सकी। कुल मिलाकर शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक हाहाकार मचा हुआ है।

BY Ran vijay singh

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