बता दें कि जिले में 1858 ग्राम पंचायतें हैं। 25 दिसंबर को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब 22 विकास खंडों के एडीओ पंचायतों को नोडल बनाया गया है। मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला ने बताया कि ग्राम प्रधानों को आवंटित और 25 दिसंबर तक निकाली गई 10 लाख रुपये से अधिक की धनराशि से कराए गए कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि रैंडम चेकिग के लिए 157 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। जिला स्तरीय अधिकारियों के नेतृत्व में गठित टीम में एई व जेई शामिल होंगे। निर्देशित किया गया है कि ग्राम प्रधानों के कार्यकाल के दौरान कितनी धनराशि आवंटित की गई है और कितनी धनराशि निकालकर उससे विकास कार्य कराए गए हैं। भौतिक सत्यापन रिपोर्ट मिलने के बाद यदि किसी प्रकार की अनियमितता मिली तो संबंधित ग्राम प्रधान के खिलाफ सुसंगत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
संभव है कि संबंधित को ग्राम प्रधान को चुनाव लड़ने से वंचित भी किया जा सकता है। प्रशासन द्वारा शुरू की गयी इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहा है कि सही ढंग से जांच हुई तो कई प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई तय है। कारण कि चुनाव को देखते हुए प्रधानों के कारनामों के खिलाफ विरोधी भी सक्रिय है।
BY Ran vijay singh