प्रमुख सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी कीमत पर जन एवं पशु हानि नहीं होनी चाहिए। प्रभावित क्षेत्र की जनता के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। गर्भवती महिलाओं एवं छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखते हुए दूध एवं पौष्टिक भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में एक मेडिकल एंबुलेंस 24 घंटे उपस्थित रहनी चाहिए।
प्रमुख सचिव के रविंद्र नायक ने बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों की भौतिक जानकारी प्राप्त की। उन्होंने क्षेत्रवासियों को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार जनता की सुरक्षा एवं सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है। पूरी तत्परता से जिला प्रशासन एवं बाढ़ खंड के अधिकारी लगे हुए हैं। गांव में पानी जाने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पीएसी, नाव, गोताखोर एवं पुलिस तैयार हैं। प्रमुख सचिव ने क्षेत्रवासियों से कहा कि आप सभी लोग निश्चिंत रहें। यदि किसी प्रकार की लापरवाही पाई गई तो संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला ने नोडल अधिकारी को अवगत कराया कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है। विभाग के अधिकारी लगातार अनुरक्षण कार्य कर रहे हैं। पानी के कटाव को कम करने के लिए जिपो ट्यूब एवं बालू की बोरी तथा पत्थर डाले जा रहे हैं। प्रभावित जनता को लाई, चना, गुड, आटा, दाल एवं शासन द्वारा निर्धारित सामग्री का वितरण किया जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई है तथा रोस्टर के अनुसार ड्यूटी भी लगाई दी गई है। पानी के लेवल में बढ़ोतरी होने पर तत्काल अलर्ट घोषित किया जाता है तथा जनता एवं पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया जाता है।