योग प्रशिक्षक देवविजय यादव, रवि प्रकाश यादव, जयश्री यादव द्वारा पुरूष बंदियों तथा श्रीमती साधना यादव, व प्रतिभा यादव महिला बंदियों को प्रशिक्षित किया गया। देवविजय यादव ने कहा कि योग का प्रयोग शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक लाभों के लिये हमेशा से होता रहा है। आज की चिकित्सा शोधों नें यह साबित कर दिया है कि योग शारीरिक और मानसिक रूप से मानव जाति के लिये वरदान है। जहां जिम आदि से शरीर के किसी खास अंग का ही व्यायाम होता है, वहीं योग से शरीर के समस्त अंग का व्यायाम होता है, जिससे अंग, प्रत्यंग सुचारू रूप से कार्य करने लगते हैं।
योगाभ्यास से रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। बुढ़ापे में भी जवान बने रह सकते हैं, त्वचा पर चमक आती है, शरीर स्वस्थ, निरोग और बलवान बनता है। जहाँ एक तरफ योगासन मांसपेशियों को पुष्टता प्रदान करते हैं, जिससे दुबला-पतला व्यक्ति भी ताकतवर और बलवान बन जाता है, वहीं दूसरी ओर योग के नित्य अभ्यास से शरीर से फैट कम भी हो जाता है। इस तरह योग कृष और स्थूल दोनों के लिये फायदेमंद है। योग से ब्लड-शुगर का लेबल घटता है और यह स्क्स् या बैड कोलेस्टॅ्राल को भी कम करता है। डायबिटीज रोगियों के लिये योग बेहद फायदेमंद है।
उन्होंने कहा कि प्राणायाम के द्वारा श्वास-प्रश्वास की गति पर नियंत्रण होता है, जिससे श्वसन संस्थान संबन्धित रोगों में बहुत फायदा मिलता है। दमा, एलर्जी, साइनोसाइटिस, पुराना नजला, जुकाम आदि रोगों में तो प्राणायाम बहुत फायदेमंद है, साथ ही इससे फेफड़ों की ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है, जिससे शरीर की कोशिकाओं को ज्यादा ऑक्सीजन मिलने लगती है, जिसका पूरे शरीर पर सकारात्मक असर पड़ता है। बन्दी पवन कुमार पाण्डेय ने ओंमकार भजन व योग के विषय पर अपना विचार प्रस्तुत किया। इस मौके पर जेल अधीक्षक अनिल कुमार गौतम, जेलर एसके पाण्डेय, अपूर्वब्रत पाठक, दिनेश कुमार मिश्र आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।