बता दें कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के संबंध में सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णायक मीटिंग होने के कारण महापंचायत में े शामिल नहीं हो सके योगेंद्र यादव वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार अहंकार, नफरत, फैलाकर व आम जनता के ऊपर लाठियां बरसाकर अथवा ठोकर मारकर नहीं चलती। सरकार चलने के लिए काम करना पड़ता है। जुर्म के खिलाफ लोगों को सामाजिक न्याय वह हक दिलाने के लिए हम हमेशा लड़ते रहेंगे। वे लोग समाज को तोड़ेंगे हम जोड़ेंगे। वे नफरत फैलाएंगे, हम सबको प्यार से गले लगाएंगे।
आज अगर देश व प्रदेश की सरकार निरंकुश है तो इसके लिए विपक्ष भी जिम्मेदार है जो अपनी भूमिका निभाने में विफल रहा है। हम 700 शहीद किसानों का बलिदान भुला नहीं सकते हैं। हमारे निहत्थे किसानों को सरेआम गाड़ियों से रौंदा गया। लखीमपुर खीरी हत्याकांड का मुख्य सूत्रधार 120बी का मुलजिम गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का अभी तक गिरफ्तार व बर्खास्त न होना बड़े शर्म की बात है। ऐसे अराजकतत्वों को सबक सिखाना होगा।
श्री यादव ने कहा की प्रधानमंत्री मोदी सदन में कहते हैं की एमएसपी है थी और रहेगी लेकिन विशेषकर पूरे उत्तर प्रदेश में धान क्रय केंद्र तो नाम पर खोले गए हैं। किसानों के सरकारी रेट पर खरीदारी न के बराबर है। यहां के किसानों ने बताया की हम अपना धान 12 सौ रुपए प्रति कुंतल पर बेचने को मजबूर हैं। जनता जिस दिन अपने अधिकारों को समझ लेगी देश के लुटेरों को भागने के लिए जगह मिलेगी। किसान महापंचायत को पुष्पेंद्र कुमार, दीपक लाम्बा, मो. हासिम खान, राहुल पांडेय, अर्चना श्रीवास्तव, रंजीत यादव, संजय कुमार, ओमपाल सिंह चौहान, हफीजुरर्हमान टनटन आदि लोगों ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जय किसान आंदोलन के जिलाध्यक्ष मयाशंकर यादव तथा संचालन कार्यक्रम संयोजक राजनेत यादव ने किया।