बता दें कि सिधारी थाना क्षेत्र के नरौली में 15 फरवरी की रात में शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के रैदोपुर निवासी राघवेश सिंह उर्फ टुनटुन सिंह पुत्र बसंत बहादुर सिंह अपनी ही कार में घायल अवस्था में पाया गया था। जिला अस्पताल में उसे मृत घोषित किया गया था। राघवेश के सीने में गोली लगी थी। इस मामले में राधवेश के छोटे भाई प्रभाकर सिंह ने उमाकान्त यादव, निक्की उपाध्याय, दुर्गेश यादव, शक्ति सिंह व दो अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमों का गठन किया गया था।
विवेचना के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी आदि का निरीक्षण और लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि मृतक राघवेश सिंह का वर्ष 2015 से नरौली क्षेत्र निवासी महिला से प्रेम प्रसंग चल रहा था। वर्ष 2020 में दोनों पक्षों ने अलग अलग शादी कर ली एवं आपस में बातचीत बंद हो गयी।
शादी के दो तीन महीने बाद राघवेश ने प्रेमिका से माफी मांगते हुए बातचीत शुरू कर दी। इसके बाद वह सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास भी करने लगा लेकिन महिला द्वारा ने वैवाहिक जीवन को देखते हुए मृतक राघवेश सिंह से किनारा कर लिया। मृतक निरन्तर प्रेमिका से बात करने व मिलने का प्रयास करता रहा तथा उस पर अपने पति को छोड़ने का दबाव बनाने लगा। चुंकि महिला यहां पर अध्यापिका है इस कारण से जब वह अपने ससुराल जाने की बात करती थी तो उसपर काफी गुस्सा हो जाता था।
मृतक के द्वारा जनवरी 2022 में अपनी प्रेमिका की चौटिंग व काल रिकार्डिंग को उसके पति के फोन पर भेज दिया गया जिससे महिला के वैवाहिक जीवन में तनाव व दरार आ गयी। इससे नाराज होकर महिला ने राघवेश से बात करना पुनः बन्द कर दिया। राघवेश द्वारा उसकी छोटी बहन के माध्यम से भी महिला से वार्ता करने का निरन्तर प्रयास किया गया। 14 फरवरी को वेलेन्टाइन डे होने के कारण उससे मिलने के उद्देश्य से राघवेश ने उसके मोहल्ले नरौली में सफेद रंग की कार से लगभग शाम 7 बजे पहुँचा। इसके बाद प्रेमिका के बहन के नम्बर पर फोन करके जबरदस्ती दबाव बनाकर उससे वार्ता की एवं मिलने की इच्छा जाहिर की।
महिला ने मिलने से मना कर दिया तो राघवेश द्वारा घर में घुसकर महिला के परिवार जनों को सब कुछ बता देने की धमकी देकर मिलने का दबाव बनाया। महिला द्वारा फोन काट देने के कारण राघवेश ने उसे डराने के उद्देश्य से उसके घर के पास कार खड़ी कर कार में बैठेकर तमंचे से एक हवाई फायर भी किया। जिसकी पुष्टि घटनास्थल निरीक्षण के दौरान सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से हुई।
इसके बाद भी महिला के न मानने पर उसके घर से थोड़ी दूरी पर गाड़ी ले जाकर गाड़ी खड़ी कर अपने पास मौजूद अवैध तमंचे से अपने सीने पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मृतक के कपड़ों पर बर्निंग व ब्लैकनिंग के साक्ष्य मिले है जिससे यह निष्कर्ष निकलता है कि गोली लगते समय शस्त्र एकदम नजदीक था। राघवेश की जिद से तंग आकर महिला द्वारा उसके छोटे भाई वादी मुकदमा प्रभाकर सिंह तथा राजीव सिंह को फोन करके सारी बात बताते हुए मृतक को समझाने के लिए कहा गया। जिस पर वादी मुकदमा प्रभाकर सिंह व राजीव सिंह घटनास्थल पर राघवेश सिंह को ढूंढते हुए पहुंचे तो उनको कार की ड्राइविंग सीट पर मृत अवस्था में पाया तथा उनकी जांघ पर तमंचा 315 बोर भी पाया।
इसके बाद उसने साजिश रची और अपने विरूद्ध न्यायालय में चल रहे हत्या के मुकदमें में वादी पक्ष पर दबाव बनाकर सुलह कराने हेतु हत्या का नामजद करते अभियोग पंजीकृत करा दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन से पाया गया कि घटना के समय राघवेश अपनी कार में अकेला ही था। कार को लेकर काफी देर तक उस मोहल्ले में अपनी महिला मित्र के घर के आस पास मौजूद रहा और महिला को डराने हेतु एक फायर भी उसके घर के सामने किया था।
साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने जब प्रभाकर पर दबाव बनाया तो उसने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए हत्या के मुकदमें में सुलह हेतु दबाव बनाने के लिए नामजद प्रथम सूचना दर्ज कराना बताया तथा यह भी बताया कि उसने मौके से गाड़ी के अंदर अपने भाई के जांघ पर मिले तमंचे को छुपाने के उद्देश्य से राजीव सिंह को दिया तथा उसका उल्लेख प्रथम सूचना में नहीं किया। पुलिस ने राजीव को तमंचा के साथ गिरफ्तार कर लिया है।