प्रयास के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने कहा कि लछिरामपुर स्थित वेदांता अस्पताल में मृत्यु के बाद भी शव रखकर इलाज करने वाले डाक्टर शिशिर जायसवाल के स्टाफ से जब तीमारदारों ने शव को मांगा तो स्टाफ के लोगों ने उनके साथ अभद्रता करते हुए मारपीट की। मानवीय संवेदनाओं को तार तार कर देने वाली यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। लाशों के नाम पर कारोबार करने वाले किसी को भी सभ्य समाज स्वीकृति नहीं देता है। जघन्यतम श्रेणी में आने वाले कुकर्मो की दास्तान कुछ ऐसी ही होती है जैसा कि वेदांता अस्पताल ने शव की चिकित्सा कर अंजाम दिया है।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच सीएमओं को सौपी गई हैं यदि मनमाने ढंग से उन्होंने वेदांता को क्लिन चिट देने का प्रयास किया तो नापाक गठजोड़ के खिलाफ प्रयास और युवा मंच के साथी आंदोलन करेंगे। कारण कि यह वेदांता का पहला वाक्या नही है पूर्व में भी ऐसी कई घटनाए हो चुकी है और प्रशासन सदैव की तरह इस बार भी मुकदर्शक बना है।
डा. विरेन्द्र पाठक ने कहा कि धन कमाने की लालच में वेदांता ने घिनौना काम किया है। मृत व्यक्ति को चिकित्सा के नाम पर अस्पताल में रोकना और उनके परिजनों से धन ऐंठना चिकित्सा धर्म के विरूद्ध है। अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर ऐसे लोगों को ब्लैक लिस्टेड किया जाना चाहिए। युवा मंच के किशन सिंह ने कहा कि ऐसे चिकित्सालय अनट्रेन्ड नर्सिग स्टाफ के भरोसे चलाए जाते है। पूरा अस्पताल महज एक-दो ट्रेन्ड डिग्रीधारक पैरामेडिकल स्टाफ के नाम पर चलाया जाता है। जबकि वास्तविकता है कि ज्यादातर निजी अस्पताल बिना डिग्री धारक पैरामेडिकल स्टाफ चिकित्सा कर रहे है जो जन-स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ तो करते ही है साथ ही साथ मैनेजमेन्ट के इशारे पर तीमारदारों के साथ मार-पीट एवं हाथापाई भी करते है। जनपद भर में संचालित ऐसे चिकित्सालयों को चिन्हित कर सीएमओ तत्काल कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें।