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आजमगढ़

आसमान से बरस रहा अमृत, किसानों के चेहरे खिले

बदली के चलते सरसों में माहों लगने का खतरा बढ़ा

आजमगढ़Feb 15, 2019 / 05:35 pm

Sunil Yadav

आसमान से बरस रहा अमृत, किसानों के चेहरे खिले

आसमान से बरस रहा अमृत, किसानों के चेहरे खिले

आजमगढ़. पिछले दो दिन से हो रही रिमझिम बरसात ने किसानों के चेहरों पर खुशी ला दी है। गेंहू के साथ ही तिलहनी फसलें ही खिल उठी हैं। बस थोड़ा बहुत नुकसान सरसों को दिख रहा है। कारण कि फसल में माहो लगने का खतरा बढ़ गया है। वहीं सबसे अधिक नुकसान ईट कारोबारियों को हुआ है। ईंट भीगने के कारण अब आग लगाने में बिलंब हो सकता है। इससे इंर्ट का मूल्य बढ़ने की संभावना बढ़ गयी है।

बता दें कि जिले में पिछले दो दिन से मौसम खराब है। जिले में रिमझिम बरसात का सिलसिला जारी है। बरसात भले ही तेज न हुई हो लेकिन मुर्झा रही तिलहनी, दलहनी और गेंहू की फसल को नया जीवन मिला है। किसान गदगद हैं। उम्मीद बढ़ी है कि फसल में लागत कम होगी इससे लाभ बढ़ जाएगा। आसमान में अब भी घने बादल छाये हुए है। इससे बरसात की संभावना बनी हुई है। किसान शिवमंगल, संतोष, राम चंदर, अखिलेश यादव, नायब यादव का कहना है कि यह पानी नहीं बल्कि फसलों के लिए अमृत है। इस बार बरसात न होने और कोहरा न पड़ने से फसलों को भारी नुकसान हो रहा था लेकिन इस बरसात के बाद फसल का विकास तेजी से होगा और उत्पादन बढ़ जाएगा। बस खतरा है तो सरसों की फसल को। इस फसल में फूल लगे हैं। इसलिए धूप न होने पर माहो लगने का खतरा है।

वहीं बरसात ने ईट-भट्ठा संचालकों की नींद उड़ा दी है। बारिश के कारण जिले में 20 से 25 प्रतिशत तक कच्चे ईट का नुकसान हुआ है। बससात के कारण कच्चे ईंट का सेप बिगड़ गया है। यहां कुल 501 ईट-भट्ठा संचालित हो रहे हैं। इस सभी भट्ठों में आग लग गयी है। कुछ ईंट भट्ठों से निकासी हो रही है तो कुछ में कच्चे ईंट भरे जा रहे हैं। बरसात के चलते लाखों ईंट बरबाद हो गये है। अभी मौसम साफ होने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में यह नुकसान और बढ़ सकता है।
ईट-भट्ठा संचालक राम अवध यादव का कहना है कि मिट्टी, मजदूरी आदि लेकर कच्चे ईट की पथाई प्रति हजार कम से कम छह सौ रुपये पड़ जाता है।
अब जब बारिश से भीगे ईट की पथाई में अब दोगुना यानी 1200 रुपये खर्च आएगा। एक तो कोयला मांग के सापेक्ष बहुत कम आ रहा है और 15 हजार रुपये टन मिल रहा है। इस समय पका ईट 6000 रुपये प्रति हजार यानी 12 हजार रुपये प्रति ट्रॉली बिक रही थी, लेकिन बारिश के कारण जिले में प्रति भट्ठा 60 से 70 हजार रुपये की क्षति हुई है। इस तरह कुल लगभग 35 लाख रुपये के कच्चे ईट का नुकसान का अनुमान है। ऐसे में दोबारा पथाई, मौसम के अनुसार 10 दिन से अधिक समय सूखने में लग जाएगा। इसके कारण 13 से 14 हजार रुपये प्रति ट्राली ईट बिक सकता है। इसे आम आदमी पर बड़ी चोट मानी जा रही है।
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