आजमगढ. महापंडित राहुल सांकृत्यायन की 123वीं जयंती पर उनके पैतृक गांव व ननिहाल सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों ने महापंडित के कृतित्व व व्यक्तित्व पर विस्तार से चर्चा की। उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
राहुल के पैतृक गांव कनैला स्थित महापंडित राहुल सांकृत्यायन जन पुस्तकालय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। महापंडित राहुल सांकृत्यायन बालिका इंटर कालेज में भी गोष्ठी का आयोजन किया गया। डा. धर्मनारायण वात्सायन ने कहा कि आज समाज का जो स्वरुप है उसकी कल्पना राहुल जी ने बहुत पहले कर ली थी। सामाजिक चिंतक योगेंद्र नारायण ने कहा कि राहुल जी युग दृष्टा थे।
22वीं सदी पुस्तक उनकी सामाजिक दूरदर्शिता का प्रमाण है। वरिष्ठ साहित्यकार व समालोचक डा. पीएन सिंह ने कहा कि आज देश में जो घटित हो रहा है वह राहुल जी की सोच से विल्कुल विपरीत है। राहुल जी ने अपनी सोच और विचारों के बल पर सामाजिक समानता एवं पारस्परिक सद्भाव की जो बुनियाद कायम की उसमें राजनीतिक विद्वेष की सेंध लगायी जा रही है। राहुल जी ने महात्मा बुद्ध और कार्लमार्क्स की परम्परा को भी आगे बढ़ाया। इस मौके पर डा. दिनकर, देवेंद्र सिंह, विजय शंकर पांडेय, सुनील कुमार यादव, प्रदीप पांडेय, डा. संतोष सिंह, डा. अशोक सिंह, सहदेव पांडेय, अशोक मिश्र, विनोद पांडेय आदि उपस्थित थे।
इसी क्रम में राहुल सांकृत्यान स्मृति केंद्र द्वारा जयंती समारोह के प्रथम चरण में कलेक्ट्रेट स्थित महापंडित की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद पदयात्रा निकाली गयी जो विभिन्न रास्ते से होते हुए नेहरू हाल पहुंची। नेहरू हाल में आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष मीरा यादव ने कहा कि आज राहुल जी के विचार और भी प्रासंगिक हो गये हैं। अध्यक्षता अमरनाथ तिवारी व संचालन प्रभुनारायण पांडेय प्रेमी ने किया। इस दौरान रंगकर्मी ममता पंडित को 2016 का राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर राघवेंद्र मिश्र, डा. अशोक कुमार श्रीवास्तव, जगदीश प्रसाद बरनवाल, अतुल श्रीवास्तव, उमेश सिंह गुड्डू, अभिषेक जायसवाल आदि उपस्थित थे।