एसके सत्येन ने कहा कि आजमगढ़ ट्रेन संख्या के आधार पर पूर्वोंत्तर रेलवे का सर्वाधिक आय वाला स्टेशन है, लेकिन आजादी के बाद 70 सालों में इस जिले की निरंतर उपेक्षा हुई जिसके कारण यह जनपद रेल यातायात के मामले में निरंतर पिछड़ता जा रहा है। वर्ष 2014 के चुनाव में अपनी सभा में पीएम मोदी ने वाराणसी लालगंज वाया आजमगढ़ होते हुए गोरखपुर तक नई रेल लाइन का वादा किया था लेकिन यह वादा भी पूरा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि जब पड़ोसी जनपद गाजीपुर के सांसद मनोज सिन्हा रेल राज्यमंत्री बने तो काफी उम्मीद थी कि वे पूर्वांचल के विकास पर ध्यान देंगे लेकिन वे पूरी तरह से अपने गृह जनपद के मंत्री बनकर रह गये। आजमगढ़ को चार साल में कोई परियोजना नहीं मिली। यहां तक कि मंत्री द्वारा वाराणसी और गोरखपुर की भी उपेक्षा की गयी। कहने के लिए आजमगढ़ माडल रेलवे स्टेशन है लेकिन यहां प्लेटफार्म तक का निर्माण नहीं हो पा रहा है।