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बीजेपी के खिलाफ यूपी के इस बाहुबली ने संभाला मोर्चा, इस सीट पर बदल सकता है समीकरण

locationआजमगढ़Published: Oct 15, 2019 01:31:00 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

अंबेडकर नगर व घोसी में यादवों के बीच अच्छी पैठ रखते हैं रमाकांत यादव

Bahubali Ramakant Yadav

Bahubali Ramakant Yadav

आजमगढ़. भाजपा में हासिए पर पहुंचने के बाद कांग्रेस फिर सपा में शामिल हुए बाहुबली रमाकांत यादव बीजेपी के लिए मुसीबत खड़ी करने का मन बना चुके है। महाराष्ट्र आम चुनाव के बाद अब रमाकांत यादव उप चुनाव में सपा के लिए प्रचार करेंगे। घोसी और जलालपुर में यादवों के बीच रमाकांत के पैठ का देखते हुए यह माना जा रहा है यहां वे सीधा नुकसान बीजेपी को पहुंचाएंगे। खासतौर पर घोसी सीट जो बीजेपी के लिए नाक का सवाल बन गयी है। यह सीट पार्टी पिछले चुनाव में मामूली अंतर से हारी थी।

बता दें कि यूपी में 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। इन सीटों के लिए 21 अक्टूबर को मतदान तथा 24 अक्टूबर को मतगणना होगी। वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव मेें बीजेपी से टिकट न मिलने के बाद बाहुबली रमाकांत यादव कांग्रेस के टिकट पर भदोही से मैदान में उतरे थे लेकिन वे कोई करिश्मा नहीं कर पाए। इसके बाद रमाकांत यादव की 6 अक्टूबर को सपा महाराष्ट्र प्रांत के अध्यक्ष अबू आसिम के सहयोग से सपा में वापसी हो गयी। अब सपा बाहुबली का पूरा उपयोग कर रही है।

अबू आसिम ने उत्तर भारतीयों को अपने पाले में करने के लिए रमाकांत यादव को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए उतारा है। कारण कि पूर्वांचल के बड़ी संख्या में यादव यहां रहते है। यादवों के बीच रमाकांत की गहरी पैठ है। पार्टी को उम्मीद है कि रमाकांत के प्रचार में उतरने से पार्टी को लाभ मिलेगा। अब पार्टी रमाकांत का उपयोग यूपी उप चुनाव मेें करने जा रही है। 18 को मुंबई से लौटने के बाद रमाकांत यादव मऊ की घोसी विधानसभा सीट व अंबेडकर नगर की जलालपुर विधानसभा सीट पर सपा के लिए प्रचार करते दिखेगे। घोसी सीट बीजेपी नेता फागू चैहान के राज्यपाल बनने के बाद खाली हुई है। यहां बीजेपी ने सब्जी बेचने वाले के बेटे को मैदान में उतार कर बड़ा दाव खेला है लेकिन पिछले चुनाव में जिस तरह बसपा के अब्बास अंसारी ने जिस तरह फागू को टक्कर दी और मामूली वोटों से हारे उससे पार्टी की चुनौती बढ़ी है। सपा ने सवर्ण नेता सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा है जो राजनीति के मझे हुए खिलाड़ी है। बीजेपी प्रत्याशी को चुनाव लड़ने का कोई अनुभव नहीं है। ऐसे में रमाकांत के भी मैदान में आने से मुश्किल और बढ़ जाएगी। वहीं जलालपुर सीट पर रमाकांत का पहले से दबदबा रहा है। वे वर्ष 2012 में अपने पुत्र को इस सीट से भले ही न जिता पाए है लेकिन विरोधियों को कड़ी टक्कर देने में सफल हुए थे। ऐसे में यहां भी रमाकांत के मैदान में उतरने का लाभ सपा को मिलेगा।
BY-Ranvijay Singh

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