इसे भी पढ़ें समाजवादी पार्टी में जाने के ठीक पहले बाहुबली रमाकांत यादव ने दिया बड़ा बयान, कहा जिंदा जा रहा हूं रमाकांत यादव पूर्वांचल की राजनीति में जाना माना नाम हैं। 1984 में बाबू जगजीवन राम की पार्टी से अपना पॉलिटिकल कैरियर शुरू करने वाले रमाकांत यादव ने राजनीति में सियासी फायदे के लिये कई बार पाला बदला। वह सपा और भाजपा से होते हुए कांग्रेस में गए और आखिर में अपने राजनीतिक भविष्य पर अनिश्चितता के बादल देखते हुए उनकी सपा में घर वापसी हो रही है। कहा जा रहा है कि जो रमाकांत 2019 लोकसभा चुनाव के ठीक पहले अपनी शर्तों पर समाजवादी पार्टी में जाना चाहते थे और बात नहीं बनी तो सपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए, वह अब समाजवादी पार्टी की शर्तों पर सपा में शामिल हो रहे हैं। हालांकि रमाकांत भले ही सपाई हो रहे हों, लेकिन उनका बेटा अभी भी भाजपा से विधायक है और भारतीय जनता पार्टी में ही है।
इसे भी पढ़ें बाहुबली रमाकांत यादव के समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने के पहले आया भाजपा का धमाकेदार बयान, कही ये बात बताते चलें कि पूर्वांचल में आजमगढ़ जिला ही ऐसा जिला है जहां 2012 में समाजवादी पार्टी ने बड़ा कमाल दिखाते हुए 10 में से नौ सीटें जीती थीं, जबकि 2017 में तो पूरे पूर्वांचल में जो 7 सीटें जीतीं उसमें से अकेले पांच विधानसभा सीटें आजमगढ़ की हैं, जबकि शेष दो गाजीपुर की। इसके अलावा 2017 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सपा अकेले केवल आजमगढ़ ही जीत पायी थी। पर अब वहां बीजेपी की लगातार सक्रियता के चलते रमाकांत और सपा दोनों को एक दूसरे की जरूरत है।